घर में पधारो मेरी अम्बे माँ | Ghar Me Padharo Meri Ambe Maa

घर में पधारो मेरी अम्बे माँ
Shiv murti

घर में पधारो मेरी अम्बे माँ भजन हर भक्त की उस गहरी पुकार को व्यक्त करता है, जिसमें वह मां से अपने घर में विराजने की प्रार्थना करता है। इस भजन की मधुर ध्वनि सुनते ही मन में आस्था का दीप जल उठता है और वातावरण पूर्णतः भक्तिमय हो जाता है। मां अम्बे की उपस्थिति हर घर को पवित्र और मंगलमय बना देती है।

घर में पधारो मेरी अम्बे माँ

Ghar Me Padharo Meri Ambe Maa

घर में पधारो मेरी अम्बे माँ

कष्ट निवारो मेरी अम्बे माँ

आओ मेरी माँ. आओ मेरी माँ

आओ मेरी माँ आ भी जाओ मेरी माँ

कब से तेरी राह तकूं आओ मेरी माँ

नैनो कि ये प्यास अब बुझाओ मेरी माँ

बिन तेरे ये घर लागे वीराना

अब तो दुनिया वाले भी मारते ताना

घर में पधारो…

ज़िंदग़ी की डोर मेरी तेरे हवाले

डूब रहा बीच भंवर अब तो बचा ले

तेरे शिवा माँ कोई ना मेरा

चारों तरफ़ा दिखें अब तो अंधेरा

घर में पधारो…

जब भी तेरा नाम लिया काम हुआ माँ

गिरते हुए बालक को थाम लिया मां

तु ममता की दुलार दे दे अपना प्यार।

होगा ना खाली माँ तेरा भंडार

घर में पधारो…

कृपा करो खुशियां भरो दामन में माँ

अपने पावन चरण रखो आँगन में माँ

अमन भक्त ये  तेरा पुजारी

निश दिन करे माँ सेवादारी

घर में पधारो मेरी अम्बे माँ

कष्ट निवारों मेरी अम्बे माँ माँ

कष्ट निवारों मेरी अम्बे माँ

घर में पधारो मेरी अम्बे माँ भजन मां के आशीर्वाद और उनके दिव्य सानिध्य की आकांक्षा का प्रतीक है। इसे सुनते समय हर भक्त का हृदय मां के चरणों में समर्पित हो जाता है। यह भजन हमें यह विश्वास दिलाता है कि जब मां अम्बे हमारे घर में पधारती हैं, तो जीवन सुख, शांति और समृद्धि से भर उठता है।

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Shiv murti
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