पीएम मोदी का कड़ा संदेश: “किसानों के हित से समझौता नहीं होगा”

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत पर 50% शुल्क लगाने की चेतावनी पर सख्त प्रतिक्रिया दी है। पीएम मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “मेरे लिए किसानों का हित सबसे पहले है, इसके लिए मैं कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हूं।” उन्होंने यह भी संकेत दिए कि विदेशी दबाव में आकर देश के किसानों के अधिकारों से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।

ट्रंप द्वारा हाल ही में एक बयान में भारत पर 50% शुल्क लगाने की धमकी दी गई थी, जिसे उन्होंने संभावित ट्रेड डील से जोड़ते हुए कृषि क्षेत्र में प्रवेश का रास्ता बनाने की कोशिश के रूप में पेश किया। इस पर भारत ने कड़ा रुख अपनाया है। पीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया कि भारत के कृषि क्षेत्र में विदेशी कंपनियों की असीमित दखलअंदाजी को किसी भी हाल में मंज़ूरी नहीं दी जाएगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि, भारत की आत्मा है और देश की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना में इसकी अहम भूमिका है। किसानों का हित सर्वोपरि है और सरकार किसी भी अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौते में इसे कमजोर करने वाले प्रावधान स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने दोहराया कि भारत का लक्ष्य ‘आत्मनिर्भर कृषि’ है, जिसके लिए छोटे और मझोले किसानों की सुरक्षा अनिवार्य है।

मोदी सरकार के इस रुख को विशेषज्ञ भारत के हित में एक मजबूत नीति के रूप में देख रहे हैं। उनका मानना है कि अगर विदेशी दबाव में आकर कृषि बाजार खोला जाता है, तो स्थानीय किसान बड़ी कंपनियों की प्रतिस्पर्धा में पिछड़ सकते हैं, जिससे उनकी आजीविका पर संकट आ सकता है।

भारत ने पहले भी स्पष्ट किया है कि वह ऐसे किसी भी समझौते को मंजूरी नहीं देगा, जो देश के किसानों के लिए नुकसानदेह हो। पीएम मोदी का यह बयान न केवल किसानों को आश्वस्त करता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह संदेश भी देता है कि भारत अपनी कृषि नीतियों और खाद्य सुरक्षा के मामलों में आत्मनिर्भर और अडिग है।

इस सख्त रुख के बाद माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक वार्ता में कृषि क्षेत्र सबसे बड़ा मुद्दा रहेगा। हालांकि, भारत के इस स्पष्ट रुख से यह तय है कि किसानों के हित और अधिकार किसी भी स्थिति में सर्वोच्च प्राथमिकता पर रहेंगे।

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Shiv murti
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