
चंदौली/पीडीडीयू नगर।
रेलवे में पारदर्शिता और जवाबदेही की बात चाहे जितनी भी की जाए, लेकिन डीडीयू रेल मंडल में हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं।
सीबीआई छापे के बाद भी मंडल में न तो भय का माहौल है और न ही नियमों की कोई परवाह।
ताजा मामला मुख्य कर्मचारी कल्याण निरीक्षक रोशन अली के स्थानांतरण से जुड़ा है, जहां महाप्रबंधक स्तर के आदेश की खुली अवहेलना सामने आई है।
हाजीपुर जोन के महाप्रबंधक ने दिया था स्थानांतरण का आदेश
विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 1 मई 2025 को महाप्रबंधक (कार्मिक), हाजीपुर द्वारा रोशन अली का स्थानांतरण आदेश जारी किया गया था।
लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि एक माह बीत जाने के बाद भी उक्त आदेश का पालन नहीं किया गया।
डीपीओ जैश कुमार ने आदेश की अनदेखी कर किया पुनः कार्यभार ग्रहण
इस मामले में और भी गंभीर पहलू तब सामने आया जब डिविजनल पर्सनल ऑफिसर (आईसी) जैश कुमार ने 7 मई 2025 को रोशन अली को डीडीयू मंडल में पुनः कार्य पर तैनात कर दिया।
यह न केवल रेलवे प्रशासन की अनुशासनहीनता को उजागर करता है, बल्कि महाप्रबंधक स्तर के आदेश की अवहेलना कर सीधे तौर पर नियमों का मज़ाक उड़ाने जैसा है।
रेलवे सूत्रों ने जताई चिंता, उठे भ्रष्टाचार के आरोप
रेलवे से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया भ्रष्टाचार और मिलीभगत की ओर इशारा करती है।
जबकि केंद्र सरकार भारतीय रेलवे को अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और अनुशासित बनाने की दिशा में कार्य कर रही है, ऐसे में डीडीयू मंडल की यह स्थिति गंभीर चिंता का विषय बन गई है।
रेलवे प्रशासन से जांच और कार्रवाई की मांग
रेलवे प्रशासन के उच्च अधिकारियों और डीआरएम डीडीयू से मांग की जा रही है कि इस प्रकरण की तत्काल जांच कराई जाए और जो भी अधिकारी आदेशों की अवहेलना में संलिप्त हैं, उनके विरुद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
अन्यथा यह न सिर्फ मंडल के कामकाज पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करेगा, बल्कि रेलवे की साख को भी गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
ब्यूरोचीफ गणपत राय