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जीवन को संवारने वाला शक्ति स्रोत – Tara Gayatri Mantra का महत्व, विधि और लाभ

तारा गायत्री मंत्र

प्राचीन भारतीय संस्कृति में मंत्रों का अत्यंत विशेष स्थान रहा है। इन्हीं पवित्र मंत्रों में से एक है Tara Gayatri Mantra, जो देवी तारा माता को समर्पित है। यह मंत्र न केवल साधक को मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि आत्मबल, ज्ञान और आध्यात्मिक विकास का भी माध्यम बनता है। इस लेख में हम जानेंगे Tara Gayatri Mantra की सही जप विधि, इसके चमत्कारी लाभ, और इसे नियमित जपने से जीवन में आने वाले सकारात्मक परिवर्तन।

Tara Mantra


“ॐ तारायै च विद्महे उग्रतारायै
धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्।”


Tara Gayatri Mantra न केवल एक दिव्य ध्वनि है, बल्कि यह जीवन को नयी दिशा देने वाला आध्यात्मिक साधन भी है। इसकी शक्ति अपार है बस आवश्यकता है सच्चे मन से श्रद्धा और नियम के साथ इसे जपने की। जो भी व्यक्ति प्रतिदिन इस मंत्र का अभ्यास करता है, उसके जीवन में सुख, शांति और सिद्धि स्वयं उपस्थित हो जाती हैं।

जपने की विधि

  1. शुभ समय का चयन करें:
    सुबह ब्रह्ममुहूर्त या शाम के समय मंत्र का जाप करना सर्वोत्तम माना जाता है। शांत और पवित्र स्थान चुनें।
  2. स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें:
    शरीर और मन दोनों की शुद्धता अत्यंत आवश्यक है। स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  3. आसन और दिशा:
    कुश या ऊन के आसन पर उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  4. दीपक और धूप जलाएं:
    तारा माता के समक्ष दीपक जलाएं, अगरबत्ती या धूप से वातावरण को सुगंधित करें।
  5. माला से जाप करें:
    रुद्राक्ष या तुलसी की माला से 108 बार मंत्र का जप करें। हर दिन एक निश्चित संख्या में जाप करना श्रेष्ठ होता है।
  6. एकाग्रता बनाए रखें:
    जाप के समय मन को एकाग्र करें और देवी तारा की कृपा की अनुभूति करें।

लाभ

  1. मानसिक शांति और स्थिरता:
    यह मंत्र साधक को मानसिक अशांति, तनाव और भय से मुक्ति दिलाता है। मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  2. आध्यात्मिक उन्नति:
    नियमित जाप साधक को आध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर करता है। आंतरिक जागृति और चेतना का विकास होता है।
  3. संकटों से रक्षा:
    देवी तारा की कृपा से साधक जीवन के कठिन समय में भी स्थिर और सुरक्षित बना रहता है।
  4. विद्या और बुद्धि में वृद्धि:
    विद्यार्थियों और ज्ञान-साधकों के लिए यह मंत्र अत्यंत प्रभावशाली है। एकाग्रता और स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है।
  5. साधना में सफलता:
    तांत्रिक साधनाओं में तारा गायत्री मंत्र का विशेष स्थान है। यह साधक को सिद्धि और साधना में सफलता दिलाता है।
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