
भारत और पाकिस्तान के बीच 11 मई शनिवार शाम 5 बजे से सीजफायर लागू हुआ था। लेकिन यह शांति मात्र 3 घंटे ही टिक सकी। रात 8 बजे के बाद पाकिस्तान ने एक बार फिर सीजफायर का उल्लंघन करते हुए जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में गोलीबारी शुरू कर दी। सबसे पहले अखनूर, पुंछ, नौशेरा, श्रीनगर, आरएसपुरा, सांबा और उधमपुर में फायरिंग हुई, जिसके बाद राजौरी में तोप और मोर्टार से भारी शेलिंग की गई। उधमपुर में ड्रोन से हमला भी किया गया।
पाकिस्तानी हमलों के बाद सेना ने चौकसी बढ़ा दी है। जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, पंजाब और गुजरात के बॉर्डर वाले जिलों में ब्लैकआउट कर दिया गया है ताकि दुश्मन की नजरें रात में सीमावर्ती गतिविधियों पर न पड़ सकें। यह हमला उस वक्त हुआ जब दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए सीजफायर लागू किया गया था। पाकिस्तान की इस हरकत ने एक बार फिर उसकी मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
22 अप्रैल से 10 मई के बीच पाकिस्तान की तरफ से की गई गोलीबारी में भारत के 4 जवान शहीद हो चुके हैं जबकि 60 जवान घायल हुए हैं। इसके अलावा 25 आम नागरिकों की भी जान जा चुकी है और 50 से ज्यादा नागरिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं। राजौरी के अतिरिक्त जिला विकास आयुक्त (ADDC) डॉ. राज कुमार थापा भी इस हमले में घायल हुए थे। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई, जिससे सरकारी प्रशासन को भी गहरा झटका लगा है।
इस घटनाक्रम से देशभर में गुस्सा है और सरकार से कड़ा जवाब देने की मांग उठ रही है। सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है और सीमा पर जवाबी कार्रवाई जारी है। ड्रोन हमलों और गोलीबारी से स्थानीय नागरिकों में दहशत का माहौल है। कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है।
भारत की ओर से अब तक संयम बरता गया था, लेकिन पाकिस्तान की इस नापाक हरकत से साफ है कि वह शांति नहीं, उकसावे की नीति पर चल रहा है। इस स्थिति को देखते हुए सीमावर्ती इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और सेना की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात की जा रही हैं।
पाकिस्तान के इस सीजफायर उल्लंघन ने साबित कर दिया है कि वह किसी भी शांति प्रयास को गंभीरता से नहीं लेता और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर की गई प्रतिबद्धताओं का सम्मान नहीं करता। भारत अब इस हमले का जवाब देने की रणनीति पर काम कर रहा है।

