अब एक क्लिक में वीडीए को मिलेगी अवैध निर्माण की जानकारी

खबर को शेयर करे

एआई टेक्निक का होगा इस्तेमाल

वाराणसी विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में लगातार अवैध भवनों का चोरी-छुपे निर्माण कराया जा रहा है। इसमें होने वाली दुर्घटनाओं में लोगों की जान भी जा रही है। ऐसे में अब वीडीए अवैध निर्माण पर नजर रखने के लिए आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस टेक्निक का सहारा लेगा। इसके लिए वीडीए ने तीन साल के लिए जियोट्रिक्स एनालिटिक्स नमक कंपनी के साथ समझौता किया है।
अब एक क्लिक में वीडीए को मिलेगी अवैध निर्माण की जानकारी, एआई टेक्निक का होगा इस्तेमाल काशी के विकास के लिए लगातर नगर निगम और वीडीए (वाराणसी डेवलेपमेंट ऑथरिटी) नयी योजनाओं पर काम कर रही है। इसी क्रम में काशी एक के विकास के लिए वीडीए अब आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस यानी एआई का इस्तेमाल करेगा। वीडीए जियो स्पेशल टेक्निक से अवैध निर्माणों को चिह्नित कर कार्रवाई करेगा और उनपर कड़ा एक्शन किया जाएगा। यह टेक्निक आस पास इ इलाके की भी पूरी जानकारी वीडीए को देगी। काशी में अब सेटेलाइट की मदद से नजर रखी जाएगी, जिसके लिए वीडीए ने जियोट्रिक्स एनालिटिक्स नामक कंपनी से तीन साल का टाइअप किया है। यह कंपनी हर 6 महीने में काशी एक सर्वे करके अपनी रिपोर्ट सब्मिट करेगी जिसके बाद वीडीए कार्रवाई करेगा।
इस स्पेशल टेक्निक का होगा इस्तेमाल
वीडीए के सचिव पुलकित गर्ग ने बताया कि प्राचीन शहर काशी की पौराणिकता को ध्यान में रखते हुए और उसे बरकरार रखते हुए धर्म, आध्यात्म और संस्कृति के शहर बनारस को स्मार्ट बनाने का कार्य केंद्र और राज्य सरकार के दिशा निर्देश में कराया जा रहा है। इसी क्रम में शहर में अवैध निर्माण को रोकने के लिए अब सेटेलाइट से इसपर नजर राखी जाएगी। इसमें एआई आधारित भू-स्थानिक मानचित्रण (जियो स्पेशल) टेक्निक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस टेक्निक से वाराणसी में बन रहे नए निर्माण को ट्रैक कर उनमे से अवैध निर्माण ( जो बिना नक्शा पास कराए बन रहे हैं ) को चिह्नित कर उनपर प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। इसमें अफसरों और अभियंताओं की जवाबदेही भी तय हो सकेगी।
आसानी से ट्रैक हो जाएगा अवैध निर्माण
कार्यदायी संस्था जियोट्रिक्स एनालिटिक्स के निदेशक अक्षत चौहान ने बताया कि यह टेक्निक किसी बड़े क्षेत्र के सबसे सटीक जानकारी उपलब्ध करवाती है। इसे संबंधित उच्च अधिकारी निगरानी करके आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर सकते हैं। इसका साफटवेयर हर अधिकारी के पास होगा ताकि वो उसपर ट्रैक करके अवैध निर्माण को पकड़ सकें।

इसे भी पढ़े -  गंगा घाट घूमने आये युवक की डूबने से मौत