आंधी तूफान आने पर क्या करे

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मौसम विज्ञान केन्द्र लखनऊ द्वारा अपने चेतावनी संख्या 2025-05/04 के माध्यम से दिनांक 05 मई 2025 एवं 06 मई 2025 को जनपद वाराणसी में आंधी-तूफान हेतु आरेंज एलर्ट जारी किया गया। मौसम विभाग के अनुसार जनपद में लगभग 70 कि0मी0/घंटे से हवा चलने की सम्भावना है, इसके साथ ही दिनांक 06 मई 2025 एवं 07 मई 2025 को जनपद में वज्रपात के सम्बन्ध में यल्लो एलर्ट जारी किया गया है। अतः ऐसे आपदा के स्थिति में आम जनमानस निम्नवत अपिल की जाती है:-

आंधी तूफान/चक्रवात में क्या करें, क्या न करें।

आंधी तूफान/चक्रवात से पहले क्या करें:-

  • शांत रहें, घबराएं नही व अफवाहों पर ध्यान न दें।
  • सम्पर्क क्षेत्र में बने रहने के लिए अपने मोबाइल फोन चार्ज रखें, मोबाइल एसएमएस का इस्तेमाल करें।
  • मौसम की अद्यतन जानकारी रखें।
  • अपने जरूरी कागजात व कीमती सामान एक जलरोधक थैले में रखें।
  • एक आपदा किट अवश्य तैयार रखें, जिसमें सुरक्षित रहने का आवश्यक सामान हो।
  • बच्चों हेतु पूर्व में ही दूध एवं दवा का प्रबंध कर लें।
  • बुजुर्ग या घर में कोई बीमार हो तो उसकी दवा का प्रबंध पूर्व में ही कर लें।
  • टार्च एवं सोलर लाइट घर में अवश्य रखें।
  • यदि आपका घर असुरक्षित है, तो आंधी तूफान/चक्रवात से पूर्व किसी सुरक्षित स्थान पर चले जाएं।
  • अपने घरों, इमारतों को सुदृढ़ करें, जरूरी मरम्मत कराएं व नुकीलें सामान को खुला न छोड़ें।
  • मवेशियों की सुरक्षा के लिए उन्हें सुरक्षित स्थान पर बांधकर रखें।

आंधी तूफान/चक्रवात के दौरान यदि आप घर के अन्दर हैं तो क्या करें:-

  • बिजली का मेन स्विच व गैस सप्लाई तुरंत बन्द कर दें।
  • दरवाजे एवं खिड़की बन्द रखें।
  • उबला हुआ या क्लोरीन युक्त पानी ही पिएं।
  • सिर्फ आधिकारिक चेतावनी पर ही विश्वास करें एवं अफवाहों पर ध्यान न दें और न ही अफवाह फैलायें।
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आंधी तूफान/चक्रवात के दौरान यदि आप बाहर हैं:-

  • क्षतिग्रस्त इमारत में न जाएं।
  • बिजली के खम्भों, तारों व दूसरी नुकीली चीजों से बच कर रहें।
  • जल्द से जल्द किसी सुरक्षित स्थान पर पहुॅच कर आश्रय लें।
  • बड़े पेड़ के निचे ना रहें।

नाविक/मछुआरे खास ध्यान दें:-

  • नदी में नाव को ना ले जायें और न ही स्वयं नदी में जायें।
  • नावों को सुरक्षित जगह पर बॉध कर रखें।

वज्रपात से बचाव हेतु क्या करें, क्या न करें

  • याद रखें, रबर सोल के जूते व टायर वज्रपात से सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं, अतः वज्रपात से बचाव हेतु सुरक्षित स्थान पर रहना ही उचित है।
  • बिजली गिरने व चमकने को खिड़की से न देखें।
  • बादलों की गड़-गड़ाहट का तेज व बार-बार होना बडे़ खतरे की सूचना है, सतर्क रहें।
  • बादलों की गड़-गड़ाहट सुनायी देने पर या बिजली चमकती दिखायी देने पर तुरन्त सुरक्षित स्थान पर आश्रय लें।
  • वज्रपात के दौरान बिजली से चलने वाले मुख्य उपकरण जैसे फ्रिज, कम्प्यूटर, टेलीविजन आदि को विद्युत आपूर्ति लाईन से निकाल दें व मोबाईल का उपयोग न करें।
  • वज्रपात के स्थिति में नल से होकर आ रहे पानी का उपयोग न करें, पानी के नल में विद्युत प्रवाह हो सकता है।
  • आपातकालीन सेवाओं का फोन नम्बर पास रखें।
  • रेडियो से मौसम की जानकारी लेते रहें।
  • बिजली चमकने की स्थिति में बाहर खुले में रहना सुरक्षित नहीं है। अतः तुरन्त सुरक्षित आश्रय में जायें।
  • लम्बे पेड़, खम्बों या घातु की वस्तुओं से दूर रहें, यह वज्रपात को आकर्षित करते हैं।
  • शरीर के बालों का खड़ा होना तथा त्वचा में झुरझुरी महसूस होना बताता है कि आपके आस-पास बिजली गिरने वाली है।
  • वज्रपात के कारण घायल हो गये व्यक्ति को छूना पूर्णतः सुरक्षित है, इससे झटका नहीं लगता है।
  • वज्रपात से घायल व्यक्ति को तत्काल अस्पताल लें जायें।
  • कंक्रीट के फर्श पर न लेटे और कंक्रीट की दीवारों का सहारा न लें, बिजली गिरने के दौरान इनमें करंट प्रवाह हो सकता है।
  • अगर आप तालाब, नदी, नहर तथा खेत में सिंचाई कर रहे हों तत्काल वहॉ से बाहर निकल कर सुरक्षित स्थान पर चलें जायें।
  • बादलों में गड़-गड़ाहट होने पर मोबाइल फोन का प्रयोग न करें।
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दामिनी एवं सचेत मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड करें जिससे आपदा से पूर्व ही आपको चेतावनी प्राप्त सके

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, वाराणसी द्वारा जनहित में जारी।