बृहस्पतिवार व्रत कथा और आरती: जीवन में सुख-समृद्धि पाने का सरल उपाय

बृहस्पतिवार व्रत कथा और आरती
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हिंदू धर्म में सप्ताह के प्रत्येक दिन का एक विशेष महत्व होता है और गुरुवार का दिन देवगुरु बृहस्पति जी को समर्पित होता है। इस दिन व्रत रखने और व्रत कथा पढ़ने से विशेष रूप से धन, विद्या, संतान सुख और वैवाहिक जीवन में शुभता प्राप्त होती है। इस लेख में हम आपको Brihaspativar Vrat Katha Aarti विषय पर एक सम्पूर्ण जानकारी देंगे जिसमें व्रत की विधि, कथा, लाभ और आरती सम्मिलित हैं।

आरती


जय वृहस्पति देवा, ऊँ जय वृहस्पति देवा…
छिन छिन भोग लगा‌ऊँ, कदली फल मेवा ।

तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी..
जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी ।

चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता…
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता ।

तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े…
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्घार खड़े ।

दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी…
पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी ।

सकल मनोरथ दायक, सब संशय हारो…
विषय विकार मिटा‌ओ, संतन सुखकारी।

जो को‌ई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे…
जेठानन्द आनन्दकर, सो निश्चय पावे ।

सब बोलो विष्णु भगवान की जय…
बोलो वृहस्पतिदेव भगवान की जय ।

बृहस्पतिवार का व्रत साधकों को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों पुरुषार्थों की प्राप्ति कराता है। जो भी श्रद्धा से इस व्रत को विधिपूर्वक करता है, उसके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है। आप भी इस दिव्य व्रत कथा और आरती को अपनाकर बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त करें और जीवन को सुंदर बनाएं।

विधि

  • प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ पीले वस्त्र धारण करें।
  • व्रत का संकल्प लें और बृहस्पति देव का ध्यान करें।
  • व्रत में केवल एक समय सात्विक भोजन करें; नमक और खट्टे पदार्थ न लें।
  • व्रत कथा पढ़ें या श्रवण करें।
  • केले के पेड़ या बृहस्पति जी की प्रतिमा की पूजा करें।
  • पीले फूल, चना दाल, गुड़, हल्दी, पीले फल आदि अर्पित करें।
  • व्रत के अंत में आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
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व्रत के लाभ

  1. धन एवं समृद्धि की प्राप्ति – आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
  2. विवाह में आ रही बाधाओं का निवारण – विवाह योग्य कन्याओं के लिए अत्यंत लाभकारी।
  3. संतान सुख – दंपत्तियों को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है।
  4. शुभ ग्रह प्रभाव – कुंडली में बृहस्पति ग्रह की शांति होती है।
  5. आध्यात्मिक उन्नति – भक्ति और आस्था में वृद्धि होती है।