खाटू श्याम जी को कलियुग के साक्षात भगवान माने जाते हैं। वे वही श्रीकृष्ण हैं जिन्होंने महाभारत युद्ध में अपने भक्त बर्बरीक को वरदान दिया कि कलियुग में तुम्हारी पूजा श्याम नाम से होगी। खाटू श्याम जी की आरती करना भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने वाला कार्य माना जाता है। यह लेख “khatu shyam ji ki aarti” की महिमा, विधि और लाभ पर आधारित है।
खाटू श्याम जी की आरती
ओम जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥
ओम जय श्री श्याम हरे…
॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥
रतन जड़ित सिंहासन,सिर पर चंवर ढुरे।
तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े॥
ओम जय श्री श्याम हरे…
॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥
गल पुष्पों की माला,
सिर पार मुकुट धरे।
खेवत धूप अग्नि पर,
दीपक ज्योति जले॥
ओम जय श्री श्याम हरे…
॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥
मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे।
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे॥
ओम जय श्री श्याम हरे…
॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥
झांझ कटोरा और घडियावल,
शंख मृदंग घुरे।
भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे॥
ओम जय श्री श्याम हरे…
॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥
जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे।
सेवक जन निज मुख से,
श्री श्याम-श्याम उचरे॥
ओम जय श्री श्याम हरे…
॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥
श्री श्याम बिहारी जी की आरती,
जो कोई नर गावे।
कहत भक्त-जन, मनवांछित फल पावे॥
ओम जय श्री श्याम हरे…
॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥
जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे।
निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे॥
ओम जय श्री श्याम हरे…
॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥
ओम जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥
ओम जय श्री श्याम हरे…
॥बाबा जय श्री श्याम हरे॥
खाटू श्याम जी की आरती न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह आत्मा को प्रभु से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम भी है। जो भी भक्त सच्चे मन से आरती करता है, उसे श्याम बाबा की कृपा अवश्य प्राप्त होती है। अगर आपको यह आरती भाव देती है, तो आप “श्याम बाबा के भजन: दिल से श्याम को पुकारे”, “खाटू श्याम की संध्या आरती”, “श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम”, और “श्याम बाबा का जादू” जैसे अन्य भजन भी जरूर पढ़ें और श्री श्याम भक्ति में लीन हों।
आरती करने की विधि
- प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थान को साफ कर लें और श्री श्याम बाबा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- दीपक जलाएं और अगरबत्ती लगाएं।
- श्याम बाबा को चूरमा, फल, मिश्री, पंचमेवा या पंजीरी का भोग लगाएं।
- घंटी बजाते हुए आरती करें।
- आरती के बाद सबको प्रसाद वितरित करें।
- आरती के समय पूरे मन से ध्यान श्री श्याम जी के चरणों में रखें।
खाटू श्याम जी की आरती के लाभ
- मनोकामना पूर्ति – श्रद्धापूर्वक आरती करने से भक्त की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- मानसिक शांति – बाबा की आरती मन को शांति और स्थिरता देती है।
- कष्टों का नाश – जीवन के संकट और बाधाएं दूर होती हैं।
- भक्ति में वृद्धि – आरती से आत्मा को दिव्य शक्ति मिलती है और भक्ति भाव प्रबल होता है।
- घर में सुख-समृद्धि – नियमित रूप से आरती करने से घर में सौभाग्य और लक्ष्मी का वास होता है।