शहनाई के सुर में घुली फाग की मिठास

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सुरमई
————- बुढ़वा मंगल के कार्यक्रम में सुर, लय और ताल का संगम —

रामनगर (वाराणसी) । सुर,लय और ताल के संगम के बीच मंगलवार की रात यहां रामनगर दुर्ग के सामने स्थित विन्ध्येश्वरी कोठी में भारतीय कला संस्कृति की विविधता देर रात तक महकती रही। शहनाई के सुर में फाग की मिठास घुली तो स्वर लहरियो का जादुई स्पर्श हर किसी को अभिभूत कर गया। अवसर था बुढ़वा मंगल के पारंपरिक आयोजन का रात 8:00 बजे से शुरू होकर देर रात तक चले इस सांस्कृतिक आयोजन में पारंपरिक पुट था। और दिल को छू लेने वाली भाव-भंगिमा भी। काशी राज परिवार से जुड़े श्री ए. पी. सिंह के सानिध्य में आयोजन की शुरुआत हुई। जवाहरलाल के शहनाई वादन के साथ चैती के बाद शहनाई से होली के सुर निकले, तो सांस्कृतिक महफिल में फाग का रंग चढ़ गया। फिर तबले पर उनके साथ संगत की राजन कुमार ने फिर इसके बाद केदार नाथ एंड पार्टी ने फाग गायन के साथ ठुमरी, चैती के गीत से महफिल और निखर गई। केदारनाथ व साथियों ने गीत चैती और निर्गुण भी सुनाया। इस खास मौके पर संजय तिवारी, मिथिलेश दुबे, पप्पू पांडे प्रीतम पांडे बबलू सिंह प्रमोद तिवारी कौशलेंद्र सिंह, रामनारायण पांडे मनोज पांडे जयप्रकाश शर्मा हृदय नारायण पांडे, आदि लोग प्रमुख रूप उपस्थित रहे।

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