
मुख्यमंत्री ने 05 वर्ष के भीतर प्रदेश को बाल श्रम मुक्त कराये जाने का लक्ष्य रखा है-श्रम मंत्री
वाराणसी को शीर्ष प्राथमिकता पर बाल श्रम एवं भिक्षावृत्ति उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित है
बाल श्रम उन्मूलन जनजागरूकता एवं हितलाभ वितरण कार्यक्रम का हुआ आयोजन
चिरईगाँव एवं हरहुआ के 15-15 ग्रामों को तीन चरणों में बाल श्रम मुक्त घोषित किये जाने हेतु फरवरी, 2024 से ‘सपनों की उड़ान’ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया
मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना के 201 लाभार्थियों को रू० 78,46,000/-
कन्या विवाह सहायता योजना के 115 लाभार्थियों को रू0 63,25,000/-
सन्त रविदास शिक्षा प्रोत्साहन योजना के 45 लाभार्थियों को 1,44,100/-
मृत्यु एवं दिव्यांगता सहायता योजना के 03 लाभार्थियों को 6,50,000/- के हितलाभ धनराशि का प्रमाण-पत्र वितरित किया
वाराणसी। महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ के समिति हाल केन्द्रीय पुस्तकालय में शनिवार को बाल श्रम उन्मूलन जनजागरूकता एवं हितलाभ वितरण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय विभाग मंत्री अनिल राजभर रहे। इस अवसर पर जिलाधिकारी एस. राजलिंगम एवं मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम को प्रारम्भ करते हुए संस्कार संस्था की ओर से एश्वर्य द्वारा प्रस्तुत किया गया कि विकास खण्ड चिरईगाँव एवं हरहुआ के 15-15 ग्रामों को तीन चरणों में बाल श्रम मुक्त घोषित किये जाने हेतु फरवरी, 2024 से 'सपनों की उड़ान कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के श्रम, सेवायोजन एवं समन्वय विभाग मंत्री अनिल राजभर ने सम्बोधन में शासन की प्राथमिकताओं को रेखांकित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा 05 वर्षों के भीतर प्रदेश को बाल श्रम मुक्त कराये जाने के क्रम में जनपद वाराणसी को शीर्ष प्राथमिकता प्रदान करते हुए बाल श्रम एवं भिक्षावृत्ति उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बाल श्रम के मूल कारणों को चिन्हांकित करते हुए सरकार द्वारा चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाओं को बाल श्रमिकों के उत्थान से जोड़कर बाल श्रम मुक्त काशी पर बल दिया और बताया गया कि इस कार्य के लिए चलायी जा रही योजनाओं में व्यय हेतु धनराशि की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। मंत्री अनिल राजभर ने यह भी कहा कि विकसित भारत की संकल्पना तब तक साकार नहीं हो सकती जब तक बालश्रम एवं भिक्षावृत्ति जैसी सामाजिक बुराईयां समाप्त नहीं हो जाती। इसके लिए उन्होंने समाज के हर व्यक्ति का आह्वान करते हुए कहा कि यदि किसी भी व्यक्ति को कहीं भी बाल श्रमिक कार्यरत मिलता है, तो जिला प्रशासन अथवा श्रम विभाग के अधिकारियों को अवगत कराकर बाल श्रम उन्मूलन की दिशा में सहयोग प्रदान कर सकता है। मंत्री द्वारा निर्माण श्रमिकों के अधिकाधिक पंजीयन कराये जाने एवं उन्हें योजनाओं से लाभान्वित कराये जाने के निर्देश दिये गये तथा यह भी कहा गया कि तहसील दिवस के अवसर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में लाभार्थी श्रमिकों हेतु हितलाभ वितरण कार्यक्रम आयोजित कराये जाय। मंत्री अनिल राजभर ने प्रदेश से 10000 से 12000 निर्माण मजदूरों को इजराइल में भेजे जाने की प्रस्तावित कार्य योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि यदि निर्माण श्रमिक दिये जा रहे लाभकारी पैकेज पर 02 से 03 वर्ष भी इजराइल में काम कर लेता है तो उसका जीवन स्तर अपने आप उच्चीकृत हो जायेगा।
जिलाधिकारी एस.राजलिंगम ने अपने सम्बोधन में बताया कि बाल श्रम उन्मूलन हेतु श्रम विभाग के माध्यम से एवं यूनिसेफ द्वारा जनजागरूकता अभियान आयोजित करने की यह अनोखी पहल प्रारम्भ की गयी है। स्वयंसेवी संस्थाओं सिविल सोसाइटी आदि की ओर से व्यापक जनजागरूकता कार्यक्रम चलाये जाने का आह्वान किया।
मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने अपने सम्बोधन में बताया कि बाल श्रम एवं भिक्षावृत्ति समाप्त करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शीर्ष प्राथमिकता में शामिल है। उन्होंने बताया कि वाराणसी जनपद को भिक्षावृत्ति एवं बाल श्रम मुक्त कराने हेतु चलायी जा रही योजनाओं से 2000 बच्चों को लाभान्वित कराया गया और उन्हें भिक्षावृत्ति एवं बाल श्रम के अभिशाप से मुक्त कराकर समाज की मुख्य धारा में जोड़ा गया है। साथ ही उन्होंने ऐसे बच्चों को श्रम विभाग की व अन्य विभागों की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़े जाने का निर्देश दिया।
कार्यक्रम में ही मंत्री अनिल राजभर ने बाल श्रमिक विद्या योजना के पात्र 86 बच्चों को सहायता धनराशि का प्रमाण-पत्र वितरित, उ0प्र0 भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अन्तर्गत संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना के 201 लाभार्थियों को रू० 78,46,000/-, कन्या विवाह सहायता योजना के 115 लाभार्थियों को रू0 63,25,000/-, सन्त रविदास शिक्षा प्रोत्साहन योजना के 45 लाभार्थियों को 1,44,100 /- तथा मृत्यु एवं दिव्यांगता सहायता योजना के 03 लाभार्थियों को 6,50,000/- के हितलाभ धनराशि का प्रमाण-पत्र वितरित किया।
कार्यक्रम के समापन में सहायक श्रमायुक्त घनश्याम सिंह द्वारा विभाग की योजनाओं से अधिक से अधिक श्रमिकों को लाभान्वित किये जाने की प्रगति से अवगत कराते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
कार्यक्रम में समाजकार्य विभाग के विभागाध्यक्ष, महात्मा गाँधी काशीविद्यापीठ, बाल संरक्षण अधिकारी ए०एच०टी०यू० श्रम प्रवर्तन अधिकारीगण एवं अन्य स्टेकहोल्डर विभागों के साथ-साथ श्रमिकगण एवं बाल श्रमिक विद्या योजना के लाभार्थी एवं उनके अभिभावक, प्रतिनिधि, एन०जी०ओ० एवं पत्रकार बन्धु भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री राजीव कुमार सिंह, महासचिव डॉ० शम्भूनाथ सिंह रिसर्च फाउण्डेशन द्वारा किया गया।