


बिहार से खरीदी पिस्टल,फर्जी आईडी से लिए सिम

इस तरह घटना को दिया अंजाम
वाराणसी। भेलुपुर थाना क्षेत्र के भदैनी में पांच लोगों की हत्या का मुख्य आरोपित विशाल गुप्ता उर्फ विक्की घटना के तीन माह बाद पकड़ा गया। पुलिस ने सीरगोवर्धन के लौटूबीर मंदिर के पास से मुख्य आरोपित के साथ ही उसके भाई को भी गिरफ्तार किया है। दोनों ने माता-पिता और दादा की हत्या का बदला लेने के लिए चाचा के पूरे परिवार को खत्म करने की साजिश रची। बिहार से हथियार लाकर राजेंद्र गुप्ता और उनके पूरे परिवार की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने गुरुवार को पुलिस लाइन में गिरफ्तारी के बाबत जानकारी दी।आरोपित ने पुलिस को बताया कि हमारे माता पिता व बाबा की हत्या हमारे चाचा राजेन्द्र गुप्ता द्वारा सन् 1997 में गोली मारकर कर दी गयी थी। इसमें प्रशान्त को भी गोली लगी थी। उसी समय से हम लोगों को राजेन्द्र व उनके परिवार वालो द्वारा नौकर की तरह रखा जा रहा था। बार बार मारा पीटा जा रहा था। हम लोग तंग आ गए थे। 2022 में राजेन्द्र व उसका बड़ा पुत्र मुझे (विशाल गुप्ता उर्फ विक्की) बुरी तरह से मारे पीटे तथा कई दिनो तक घर में बन्द किए थे। उसी समय मैंने चाचा के परिवार को खत्म करने की ठान ली थी और इसी इरादे से घर छोड़ दिया। प्रशान्त के साथ मिलकर घटना की साजिश रची। इसके लिए फर्जी आईडी पर चार पांच मोबाइल सिम लिया। बिहार से दो पिस्टल खरीदी। विक्की 4/5 नवंबर 2024 की रात को पहले रोहनियां पहुंया और निर्माणाधीन मकान में सोए चाचा राजेन्द्र की गोली मारकर हत्या कर दी। उसके बाद वहां से वापस आकर भदैनी स्थित घर पर चाची नीतू व चचेरे भाई नवनेन्दु गुप्ता, शुभेन्दु गुप्ता और चचेरी बहन गौरांगी गुप्ता की गोली मारकर हत्या की। घटना के बाद विक्की मुगलसराय रेलवे स्टेशन से ट्रेन से बिहार निकल गया। उसके बाद कोलकाता गया। तब से पटना, कोलकाता तथा मुम्बई रेलवे स्टेशनों पर समय काट रहा था। पुलिस से बचने के लिये में अपने भाई प्रशांत उर्फ जुगनू से एस्ट्राग्राम एपपर बात करता था। इसके लिये 2 फेक आईडी बनाई थी। गुरुवार को पटना से अपने भाई प्रशान्त गुप्ता उर्फ जुगनू से मिलने व पैसा लेने आया था। उसी दौरान पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा करने वाली टीम को एक लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की है। वहीं सर्विलांस टीम प्रभारी को प्रशस्ति पत्र दिया। हत्याकांड के खुलासे में डीसीपी काशी गौरव बंसवाल, डीसीपी अपराध प्रमोद कुमार, एडीसीपी काशी टी. सरवन, एडीसीपी अपराध श्रुति श्रीवास्तव व सहायक पुलिस आयुक्त ईशान सोनी की भूमिका अहम रही।