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हद है! प्रधानजी, बयान बदलो नहीं तो तेजाब से जला देंगे चेहरा… रेप पीड़िता को दरिंदे ने दी धमकी, डर से लड़की की मौत

गाजीपुर में आरोपी ग्राम प्रधान ने पीड़िता के घर जाकर उससे मुकदमा वापस लेने के लिए धमकी दी, जिससे वह डर गई और खाना पीना छोड़ दिया था. सोमवार की शाम तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई. पुलिस ने आरोपी प्रधान पर मुकदमा दर्ज किया है.
मृतका के पिता का आरोप है कि मुकदमे में नाम दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने आरोपी प्रधान का नाम हटा दिया. उनकी शिकायत पर जांच आई तब आरोपी ने लड़की को जाकर धमकाया. बयान न बदलने पर चेहरे पर तेजाब तो फेंकने की धमकी दी गई, जिसके बाद वह सदमे में आ गई. मामला शादियाबाद थाना क्षेत्र के एक गांव का है.

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घर पर जाकर प्रधान ने दी धमकी-

गाजीपुर के शादियाबाद थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 17 वर्षी नाबालिक किशोरी की मौत हो गई. उसके पिता का आरोप है कि गांव के ही प्रधान ज्ञानेंद्र गुप्ता उर्फ बबलू ने 30 जनवरी को उनके घर पर आकर उनकी बेटी को अपना बयान बदलने का दबाव दिया था. आरोप है कि बयान नहीं बदलने पर प्रधान ने बेटी के चेहरे पर तेजाब फेंकने और भाई और पिता को जान से मारने की धमकी दी थी.
प्रधान की इस धमकी से उसकी बेटी डर गई और डिप्रेशन में आ गई. पिता ने बताया कि उसी दिन से उनकी बेटी ने खाना पीना छोड़ दिया. 3 फरवरी को उसकी हालत ज्यादा खराब हो गई और जब परिवार के लोग उसे अस्पताल लेकर जा रहे थे तब उसकी रास्ते में मौत हो गई.

अगवा कर किया था रेप-

पूरा मामला बीते साल 14 जुलाई से शुरू हुआ. पीड़ित का आरोप है कि उनकी नाबालिक बेटी को गांव के ही मंटु राम और ग्राम प्रधान ज्ञानेंद्र गुप्ता के द्वारा अगवा कर लिया गया. उसके साथ दुष्कर्म भी किया गया. जिसके संबंध में 26 जुलाई को मुकदमा भी दर्ज हुआ था. आरोप है कि पुलिस ने विवेचना के दौरान ज्ञानेंद्र गुप्ता का नाम मुकदमे से निकाल दिया, जिसका बयान में किशोरी ने भी नाम लिया था.
इस शिकायत को लेकर पीड़िता के पिता ने मुख्यमंत्री और डीजीपी के साथ भी पुलिस कमिश्नर वाराणसी को प्रार्थना पत्र देकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की थी. इस प्रकरण में करीब 1 सप्ताह पूर्व मुख्यमंत्री कार्यालय एवं पुलिस कमिश्नर वाराणसी से जांच आई थी. जिसको लेकर इलाके के चौकी इंचार्ज घर पहुंचे और कार्रवाई के संबंध में बात की.

चेहरे पर तेजाब फेंकने की धमकी-

30 जनवरी की शाम ग्राम प्रधान ज्ञानेंद्र गुप्ता उर्फ बबलू घर पर उनके पहुंचा. उस समय उनकी बेटी घर में अकेले थी. आरोपी प्रधान ने किशोरी पर बयान बदलने का दबाव दिया और कहा कि नहीं मानी तो उस पर तेजाब फेंकने और भाई और पिता को जान से मार दिया जाएगा. इसकी जानकारी किशोरी ने अपने पिता को मजदूरी कर वापस आने के बाद दी. वह इतनी डिप्रेशन में हो गई कि उसने कई दिनों से खाना पीना भी छोड़ दिया.

डिप्रेशन से लड़की की मौत-

3 फरवरी की शाम उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और परिवार के लोग जब उसे अस्पताल लेकर जा रहे थे तब उसने दम तोड़ दिया. पीड़ित पिता ने आरोप लगाया है कि ज्ञानेंद्र उर्फ बबलू की धमकी और तेजाब फेंकने और भाई और पिता को मारे जाने के डर से किशोरी तनाव में आ गई थी, जिससे उसकी मौत हो गई. उसने इस मामले को लेकर पोस्टमार्टम करने की भी पुलिस प्रशासन से मांग की है.इस मामले में शादियाबाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नामजद आरोपी ज्ञानेंद्र गुप्ता उर्फ बबलू के खिलाफ धारा 108 के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई करने में जुट गई है.

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