लखनऊ/ गौतमबुद्धनगर : उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा नियामक प्राधिकरण (UP RERA) ने फ्लैट बायर्स को बड़ी राहत दी है। यूपी रेरा ने अपने फैसले में कहा है कि बिल्डर को पैसे लेने से पहले बायर्स के साथ एग्रीमेंट करना होगा। यूपी रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने कहा कि प्रोमोटर्स और बायर्स के बीच लेन-देन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के मकसद से यह फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रोमोटर्स द्वारा इकाई मूल्य के 10 प्रतिशत से अधिक की मांग करने या आवंटी द्वारा 10 प्रतिशत से अधिक धनराशि देने से पहले दोनों के बीच यानि प्रोमोटर और आवंटियों के मध्य एग्रीमेन्ट फॉर सेल करना अनिवार्य किया गया है। इससे बायर्स के हितों की सुरक्षा होगी।
रेरा का मकसद लेन-देन में हो पारदर्शिता
यूपी रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने बताया कि एग्रीमेंट फॉर सेल का उद्देश्य प्रोमोटर की जिम्मेदारी और प्रोमोटर्स तथा आवंटियों के बीच लेन-देन में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। यह एडवाईजरी रेरा अधिनियम की धारा-13 के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए जारी की गई है। उन्होंने प्रोमोटर्स तथा आवंटियों का ध्यान रेरा की धारा-13 के इन महत्वपूर्ण प्रावधानों की ओर आकर्षित किया है :
- कोई भी प्रोमोटर आवंटी के साथ ‘विक्रय के लिए अनुबन्ध’ (बीबीए) निष्पादित किए बिना अपार्टमेन्ट, प्लॉट या भवन की लागत के 10 प्रतिशत से अधिक भुगतान नहीं ले सकता है।
- ऐसा एग्रीमेंट फॉर सेल राज्य सरकार द्वारा साल-2018 के नियमों में निर्धारित मॉडल एग्रीमेन्ट के आधार पर होना अनिवार्य है।
- प्रोमोटर द्वारा पंजीकृत विक्रय अनुबन्ध में परियोजना के विकास कार्यों, जिसमें भवन या अपार्टमेन्ट की विशिष्टताओं सहित निर्माण, आंतरिक एवं वाहय विकास कार्यों का विवरण सम्मिलित हो, अंकित करना अनिवार्य है।
- विक्रय के लिए अनुबन्ध में इकाई के मूल्य के भुगतान की तिथियां एवं भुगतान का माध्यम लिखना अनिवार्य है।
- एग्रीमेंट फॉर सेल में कब्जा की तिथि, जिस दिन आवंटी को इकाई का कब्जा हस्तांतरित होगा, अंकित करना अनिवार्य है।
- विक्रय के लिए अनुबन्ध में प्रोमोटर एवं आवंटियों में से किसी की चूक की स्थिति में देय ब्याज की दर भी अंकित होगी। इस सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा SBI एमसीलआर+1 प्रतिशत की ब्याज दर निर्धारित की गयी है।
बायर्स को सतर्क रहने की सलाह
भूसरेड्डी ने बताया कि यूपी रेरा की जानकारी में कुछ ऐसे मामले भी आये हैं, जिनमें प्रोमोटर ने विक्रय के लिए अनुबन्ध किए बिना सीधे-साधे आवंटियों से इकाई मूल्य का अधिकतर भाग ले लिया है। उन्होंने आवंटियों को सतर्क रहने की सलाह दी है, जिससे प्रोमोटर उनके हितों के साथ कोई छेड़छाड़ न कर सके। फिर भी यदि किसी व्यक्ति या आवंटी की इस सम्बन्ध में कोई समस्या है तो वह रेरा अधिनियम की धारा-31 के अन्तर्गत शिकायत दर्ज करा सकते हैं।