” बारिश और घने कोहरे के बीच गंगा पार स्वच्छता की जगाई अलख, किया जागरूक “
नववर्ष पर गंगा पार जाकर लोगों ने खूब आनंद उठाया लेकिन गंदगी वही छोड़ गए । नमामि गंगे के स्वयंसेवी सदस्यों ने रेती पर बिखरे खाद्य सामग्रियों के पैकेट व अन्य कूड़ा करकट की सफाई की । प्रातः काल बारिश और घने कोहरे के बीच गंदगी को एकत्रित किया ताकि वह गंगाजल में न जा पाए । दशाश्वमेध घाट के सामने गंगा पार इधर-उधर बिखरे पड़े पॉलिथीन, कपड़े एवं पर्यटकों सैलानियों द्वारा छोड़े गए कूड़ा करकट का निस्तारण किया। मां गंगा की आरती उतार कर स्वच्छता के लिए जन जागरण किया गया । गंगा सेवक नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने जन जागरण करते हुए कहा कि गंगा रोजाना करोड़ों को रोजगार प्रदान करती हैं । गंगा पूरे भारत की 28% जल संसाधनों की पूर्ति करती हैं । गंगा का बेसिन क्षेत्र भारत की 56% कृषि योग्य भूमि को उर्वरक बनाता हैं । लोगों को जागरुक करते हुए समझाया कि हम गंगा पार सपरिवार पिकनिक मनाने आते हैं , मौज मस्ती करते हैं , खाद्य सामग्री ग्रहण करते हैं , लेकिन बचे हुए कूड़ो को वही छोड़ कर चले जाते हैं। गंगा पार गंदगी का अंबार लग जाता है । पॉलिथीन व अन्य सामग्रियां धीरे धीरे गंगा में मिल जाती हैं। हमें गंगा में कूड़ा करकट जाने से रोकना होगा । आयोजन में प्रमुख रूप से नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला, गिनीज बुक रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने वाली कथक नृत्यांगना सोनी चौरसिया, महानगर सहसंयोजक सरिका गुप्ता उपस्थित रहे।