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कोंस्टास की आक्रामक बल्लेबाजी ने किया बुमराह को चुनौती

कोंस्टास की आक्रामक बल्लेबाजी ने किया बुमराह को चुनौती
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ऑस्ट्रेलियाई युवा बल्लेबाज सैम कोंस्टास ने चौथे टेस्ट की पहली पारी में अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से सबका ध्यान खींचा। उन्होंने भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के ओवरों में शानदार रन बटोरे। कोंस्टास ने बुमराह के खिलाफ एक स्पैल में जितने रन बनाए, हाल के दिनों में किसी ने नहीं बनाए थे। उनकी निडर बल्लेबाजी ने बुमराह जैसे विश्वस्तरीय गेंदबाज को भी चौंका दिया।

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डेविड वॉर्नर ने कोंस्टास की तारीफ की


ऑस्ट्रेलिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने सैम कोंस्टास की जमकर सराहना की। वॉर्नर का मानना है कि 19 वर्षीय कोंस्टास ने ऑस्ट्रेलिया की जीत की नींव रखी। उनकी पारी ने टीम को बॉक्सिंग डे टेस्ट में भारत के खिलाफ अहम जीत दिलाने में मदद की। इस जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया ने पांच मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 2-1 की बढ़त बना ली।

युवा खिलाड़ी से उम्मीदें और अनुभवी खिलाड़ियों की आलोचना
हालांकि, वॉर्नर ने अन्य बल्लेबाजों पर सवाल भी उठाए। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि एक युवा और अनुभवहीन खिलाड़ी को टीम का स्टैंडर्ड सेट करना पड़ रहा है। वॉर्नर ने शीर्ष क्रम के अनुभवी खिलाड़ियों को और अधिक जिम्मेदारी लेने और जोखिम उठाने की सलाह दी।

कोंस्टास की खास पारी


वॉर्नर ने कहा कि कोंस्टास की पारी बहुत खास थी। उनकी बल्लेबाजी ने अन्य खिलाड़ियों को प्रेरित किया। उस्मान ख्वाजा ने इस प्रेरणा से सीरीज का पहला अर्धशतक जड़ा, जबकि मार्नस लाबुशेन ने भी अपने दृष्टिकोण में सुधार का श्रेय कोंस्टास को दिया।

बुमराह की दूसरी पारी में वापसी


चौथे टेस्ट की दूसरी पारी में जसप्रीत बुमराह ने कोंस्टास को आउट कर बदला लिया। बुमराह ने इस मैच में कुल नौ विकेट लिए और सीरीज के सबसे सफल भारतीय गेंदबाज साबित हुए। इसी मैच में उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 200 विकेट का आंकड़ा भी पार किया।

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वॉर्नर का संदेश: जोखिम उठाएं अनुभवी बल्लेबाज


डेविड वॉर्नर ने कहा कि कोंस्टास ने निडरता से बल्लेबाजी की, लेकिन टीम के अनुभवी खिलाड़ियों को भी ऐसा ही करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 50 टेस्ट खेलने वाले बल्लेबाजों को अपनी क्रीज से बाहर आकर खेलने और अलग शॉट आजमाने का साहस दिखाना चाहिए। कोंस्टास की पारी ने न केवल ऑस्ट्रेलिया की जीत की राह आसान की, बल्कि टीम के अन्य बल्लेबाजों को भी प्रेरित किया। उनकी बहादुरी ने दिखा दिया कि युवा खिलाड़ी भी बड़े मंच पर कमाल कर सकते हैं। दूसरी ओर, वॉर्नर की आलोचना अनुभवी खिलाड़ियों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि उन्हें जिम्मेदारी उठाने और टीम को जीत की ओर ले जाने के लिए अधिक योगदान देना चाहिए।

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