RS Shivmurti

शो ‘अनुपमा’ फिर विवादों में, सोशल मीडिया पर गुस्से का तूफान

शो ‘अनुपमा’ फिर विवादों में, सोशल मीडिया पर गुस्से का तूफान
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स्टार प्लस का पॉपुलर शो ‘अनुपमा’ इन दिनों एक बार फिर विवादों में घिरा हुआ है। इस शो को लेकर जो ताजा विवाद उठा है, वह सोशल मीडिया पर फैलते हुए गुस्से और आलोचनाओं का रूप ले चुका है। रूपाली गांगुली द्वारा अभिनीत इस शो को पिछले चार सालों से दर्शकों का प्यार मिल रहा है और यह लगातार टीआरपी चार्ट पर टॉप पर बना हुआ है। हालांकि, हाल ही में एक खास सीन को लेकर दर्शकों में गुस्सा फूट पड़ा है, और शो के मेकर्स पर भारतीय संस्कृति को बिगाड़ने का आरोप लगाया जा रहा है। आइए, इस पूरे मामले को समझते हैं और जानते हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ, जो अनुपमा की लोकप्रियता को लेकर विवाद उठने लगे।

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वायरल हुआ अनुपमा का सीन: विवाद का कारण

हाल ही में, अनुपमा के एक सीन ने सोशल मीडिया पर तूफान खड़ा कर दिया। इस सीन में राहुल और प्रेम (दो प्रमुख किरदारों) को एक कंबल ओढ़कर रोमांटिक अंदाज में दिखाया गया है। जैसे ही यह सीन सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, दर्शकों ने इसका कड़ा विरोध करना शुरू कर दिया। उनके मुताबिक, यह सीन शो की भारतीय संस्कृति के खिलाफ था और टीवी शो में इस तरह के सीन को दिखाना स्वीकार्य नहीं है। यह सीन शो के कंटेंट को लेकर चिंताओं को जन्म दे रहा है, जो पहले से ही एक फैमिली ड्रामा के रूप में प्रतिष्ठित था।

दर्शकों का गुस्सा: सोशल मीडिया पर बढ़ते हुए विरोध

जैसे ही यह सीन वायरल हुआ, सोशल मीडिया पर दर्शकों ने शो की कड़ी आलोचना करनी शुरू कर दी। कई लोगों ने यह आरोप लगाया कि शो के निर्माता राजन शाही और कलाकार जानबूझकर भारतीय संस्कृति और पारिवारिक मूल्यों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “ये राजन शाही और शो के कलाकार मिलकर हमारी संस्कृति को खराब करने पर तुले हुए हैं।” एक और यूजर ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “टीवी शो पर सेंसरशिप होनी चाहिए। यह सच में बहुत जरूरी है।”

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इस विवाद ने और भी तीव्रता पकड़ी जब कुछ यूजर्स ने यह सवाल उठाया कि क्या शो अब सिर्फ टीआरपी बढ़ाने के लिए ऐसे सीन दिखाएगा, जो दर्शकों को उत्तेजित करने वाले हों। एक और यूजर ने लिखा, “रूपाली गांगुली का शो अब कंटेंट नहीं, बल्कि ऐसे सीन दिखाकर टीआरपी बटोरेगा। यह बेहद खराब है।”

अनुपमा का प्रभाव और विवादों से उबरने की चुनौती

‘अनुपमा’ शो को हमेशा ही परिवारिक ड्रामा और भावनात्मक जुड़ाव के लिए सराहा गया है। इसके मुख्य पात्र, विशेषकर अनुपमा (रूपाली गांगुली द्वारा निभाया गया किरदार), हमेशा से ही अपनी सादगी, मेहनत, और परिवारिक रिश्तों को अहमियत देने के लिए दर्शकों का दिल जीतते रहे हैं। लेकिन इस शो के नवीनतम सीन्स ने इस छवि को खतरे में डाल दिया है।

शो के निर्माता राजन शाही ने इस विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ी नहीं है, लेकिन इससे यह साफ है कि अनुपमा की कहानी अब एक नए मोड़ पर पहुंच गई है। जहां पहले शो के माध्यम से पारिवारिक रिश्तों, सादगी और संघर्ष की कहानियां दिखाई जाती थीं, वहीं अब कुछ ऐसे सीन सामने आ रहे हैं, जो इसके पुराने कंटेंट से अलग और काफी बोल्ड प्रतीत हो रहे हैं।

क्या यह केवल एक विवाद है, या कुछ और?

यह सवाल अब तक उठता है कि क्या यह सिर्फ एक विवाद है, या फिर शो के कंटेंट में बदलाव के कारण इसकी दिशा ही बदलने जा रही है। क्या शो अब अपनी पुरानी पारिवारिक छवि से अलग होकर एक नए, अधिक ग्लैमरस और रोमांटिक वर्शन की ओर बढ़ेगा? शो के आलोचकों का कहना है कि ‘अनुपमा’ जैसे शो में इस तरह के सीन दिखाना भारतीय परिवारों और संस्कृतियों को प्रभावित कर सकता है, जिनकी मानसिकता बहुत पारंपरिक होती है।

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वहीं, शो के समर्थकों का कहना है कि यह बस एक सीन था और इसे इस तरह तूल नहीं दिया जाना चाहिए। उनके अनुसार, हर कहानी में कुछ खास मोड़ और बदलाव आते हैं, और शो में भी ऐसी ही परिस्थिति पैदा हो सकती है, जो दर्शकों के लिए एक नया अनुभव हो।

टीवी शो और ओटीटी का फर्क: क्या टीवी अब ओटीटी की तरह होगा?

दूसरे यूजर्स ने एक और गंभीर सवाल उठाया है, कि क्या इस सीन के साथ शो ओटीटी की दिशा में बढ़ रहा है? ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अक्सर इसी तरह के बोल्ड और रोमांटिक कंटेंट दिखाए जाते हैं, जिनमें एक अलग प्रकार की आज़ादी होती है। कुछ दर्शकों ने इस बदलाव को टीवी के लिए खतरे की घंटी बताया है। एक यूजर ने लिखा, “अब टीवी शो भी ओटीटी जैसा बनता जा रहा है। क्या यह टीवी का भविष्य है?”

टीवी पर सेंसरशिप की आवश्यकता की बात भी कुछ समय से उठ रही है। क्या यह जरूरी नहीं कि टीवी शो के कंटेंट को थोड़ा अधिक नियंत्रित किया जाए ताकि दर्शकों के बीच उचित और स्वस्थ संदेश प्रसारित हो सके? इस पर विभिन्न मत सामने आ रहे हैं, और यह बहस जारी है।

सेंसरशिप: क्या यह जरूरी है?

टीवी और ओटीटी के कंटेंट में अंतर को लेकर बहस तो हो ही रही थी, लेकिन इस विवाद ने फिर से एक बार सेंसरशिप की आवश्यकता पर चर्चा शुरू कर दी है। कई लोग मानते हैं कि टीवी शो को और सख्त सेंसरशिप की आवश्यकता है, ताकि दर्शकों पर बुरा असर न पड़े। वहीं, कुछ लोग इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता और शो की क्रिएटिविटी पर प्रतिबंध लगाने जैसा मानते हैं। इस मुद्दे पर समाज के विभिन्न वर्गों में मतभेद हैं, लेकिन यह साफ है कि सेंसरशिप को लेकर एक ठोस नियम बनाना आवश्यक हो गया है।

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अनुपमा: एक सशक्त कहानी, या एक विवादित शो?

फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में यह बहस हमेशा से रही है कि किसी शो या फिल्म में कंटेंट को लेकर कोई सीमा होनी चाहिए या नहीं। ‘अनुपमा’ की कहानी एक सशक्त महिला के संघर्ष और परिवार की अहमियत को दर्शाती है, और यही इसकी सफलता का मुख्य कारण रहा है। लेकिन अब जब शो की कहानी में कुछ विवादित सीन आने लगे हैं, तो यह सवाल उठता है कि क्या ये सीन शो की असल पहचान को नुकसान पहुंचा रहे हैं? या फिर यह केवल एक छोटा सा विवाद है जो जल्द ही शांत हो जाएगा?

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