शनिवार का दिन भगवान कालभैरव के विशेष पूजन और दर्शन के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन भक्तगण प्रातःकाल बाबा कालभैरव के मंदिर में जाकर मंगला आरती के दर्शन करते हैं। मंगला श्रृंगार दर्शन के दौरान बाबा का विग्रह अद्भुत आभा से जगमगा उठता है। भगवान का विशेष श्रृंगार किया जाता है, जिसमें चंदन, कुमकुम, पुष्प, रुद्राक्ष और भव्य वस्त्र शामिल होते हैं।
मंगला आरती के समय मंदिर का वातावरण मंत्रोच्चार और घंटों की ध्वनि से गुंजायमान हो उठता है। भक्तगण अपने कष्टों के निवारण और सुख-समृद्धि की कामना से बाबा को तेल, काले तिल और सरसों चढ़ाते हैं। यह भी माना जाता है कि कालभैरव की पूजा करने से शत्रु बाधा दूर होती है और जीवन में उन्नति प्राप्त होती है।
शनिवार को बाबा कालभैरव के दर्शन के साथ विशेष प्रसाद, जैसे जलेबी और खिचड़ी का वितरण किया जाता है। भक्त पूरे श्रद्धा भाव से बाबा की परिक्रमा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह दर्शन आत्मिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करते हैं।