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ईडी ने दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर के खिलाफ कसा शिकंजा; ठाणे में फ्लैट कब्जे में लिया

ईडी ने दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर के खिलाफ कसा शिकंजा
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के मामले में बड़ा कदम उठाते हुए महाराष्ट्र के ठाणे स्थित एक फ्लैट को अपने कब्जे में लिया है। यह फ्लैट भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर के कथित सहयोगी के नाम पर था और इसकी कीमत करीब 55 लाख रुपये बताई जा रही है। यह कदम दाऊद इब्राहिम के खिलाफ चल रही जांच का हिस्सा है, जो एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुख्यात अपराधी है। ईडी की यह कार्रवाई इस बात का संकेत है कि वह मनी लॉन्ड्रिंग और संगठित अपराध के खिलाफ अपनी मुहिम को और तेज कर रही है। इस लेख में हम विस्तार से जानते हैं कि प्रवर्तन निदेशालय ने कैसे इस फ्लैट को अपने कब्जे में लिया और इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां।

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धन शोधन मामले में ईडी की कार्रवाई

ईडी ने हाल ही में धन शोधन के एक मामले में जांच करते हुए महाराष्ट्र के ठाणे में स्थित 55 लाख रुपये मूल्य के फ्लैट को जब्त कर लिया है। यह फ्लैट इकबाल कासकर के एक कथित सहयोगी के नाम पर था, जो दाऊद इब्राहिम के आपराधिक नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। ईडी का दावा है कि इस फ्लैट का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जा रहा था, जिससे अपराध की अवैध कमाई को वैध रूप से सफेद किया जा रहा था।

धन शोधन का मामला एक व्यापक जांच का हिस्सा है, जिसमें दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों द्वारा किए गए संगठित अपराधों से अर्जित अवैध संपत्ति को ट्रैक किया जा रहा है। दाऊद इब्राहिम, जो एक आतंकवादी और अपराधी है, भारत में एक प्रमुख अपराधी और भगोड़ा है, और उसके खिलाफ कई देशों में वांछित हैं।

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इकबाल कासकर और दाऊद का आपराधिक नेटवर्क

इकबाल कासकर, जो दाऊद इब्राहिम का भाई है, भारत में कई अपराधों में शामिल रहा है और वह एक प्रमुख व्यक्ति है जो दाऊद के नेटवर्क के तहत काम करता है। दाऊद इब्राहिम के खिलाफ कई बड़ी जांच चल रही हैं, और उसकी संपत्तियों और कारोबारों की जांच भी की जा रही है। इकबाल कासकर का नाम कई अन्य अपराधों में भी शामिल है, जिनमें अवैध वसूली, ड्रग तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी गतिविधियों का वित्तपोषण शामिल है।

ईडी का कहना है कि कासकर और उसके सहयोगी दाऊद इब्राहिम के अपराधी नेटवर्क के माध्यम से धन शोधन कर रहे थे और अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को छिपाने के लिए इन संपत्तियों का इस्तेमाल कर रहे थे। ठाणे में स्थित यह फ्लैट भी उसी योजना का हिस्सा था, जिससे दाऊद और उसके सहयोगी अपने अपराधों से कमाई गई राशि को वैध तरीके से चला रहे थे।

ईडी का जांच और जब्ती प्रक्रिया

प्रवर्तन निदेशालय ने इस फ्लैट को जब्त करने के लिए लंबी जांच की प्रक्रिया अपनाई, जिसमें कई वित्तीय लेन-देन, संपत्ति के स्रोत, और उनकी कानूनी वैधता की जांच की गई। ईडी ने यह सुनिश्चित करने के लिए दस्तावेजों का विश्लेषण किया कि क्या संपत्ति मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए अर्जित की गई थी।

जांच में यह पता चला कि फ्लैट का मालिकाना हक किसी व्यक्ति के पास था, जो दाऊद इब्राहिम और उसके भाई इकबाल कासकर के आपराधिक नेटवर्क से जुड़ा हुआ था। ईडी ने उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया और संपत्ति को जब्त कर लिया।

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ईडी की यह कार्रवाई इसके लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे दाऊद इब्राहिम के नेटवर्क के खिलाफ लगातार दबाव बनाने में मदद मिल रही है, जिससे भारत और अन्य देशों में इस आतंकवादी और अपराधी समूह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तेज हो रही है।

भारत और अंतरराष्ट्रीय सहयोग

ईडी द्वारा की गई इस कार्रवाई से यह भी स्पष्ट होता है कि भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के खिलाफ अपनी कानूनी कार्रवाई को तेज कर रहा है। भारत ने कई बार संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दाऊद इब्राहिम को आतंकवादी और अपराधी घोषित करने की अपील की है। इसके अलावा, भारत और अन्य देशों के कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग भी बढ़ा है ताकि इन अपराधियों को पकड़ा जा सके और उनके द्वारा किए गए अपराधों को बेनकाब किया जा सके।

इस कार्रवाई से यह भी साबित होता है कि भारत सरकार मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ अपनी मुहिम को गंभीरता से ले रही है। दाऊद इब्राहिम और उसके नेटवर्क के खिलाफ यह कार्रवाई एक बड़ा कदम है, जो यह दर्शाता है कि भारतीय एजेंसियां किसी भी कीमत पर इन अपराधियों को पकड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अगले कदम और कानूनी प्रक्रिया

अब जब प्रवर्तन निदेशालय ने इस फ्लैट को जब्त कर लिया है, इसके बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत मामले की जांच और अभियोजन कार्यवाही शुरू की जाएगी। ईडी के अधिकारी इस संपत्ति की वैधता और इसके मालिकाना हक को लेकर विस्तृत जांच करेंगे। इसके अलावा, अन्य अवैध संपत्तियों और लेन-देन का भी पता लगाने के लिए जांच जारी रखी जाएगी।

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यदि दाऊद इब्राहिम और उसके भाई इकबाल कासकर की संपत्तियों को भी इसी तरह से ट्रैक किया जाता है, तो इससे उन पर शिकंजा और कस सकता है और भारत की न्यायिक प्रक्रिया को मजबूती मिल सकती है।

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