RS Shivmurti

कालेसर बगहा बाबा मुक्तिधाम में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की उपस्थिति पर हंगामा

कालेसर बगहा बाबा मुक्तिधाम में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की उपस्थिति पर हंगामा
खबर को शेयर करे

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय अचानक कालेसर बगहा बाबा मुक्तिधाम पहुंचे, जहां पार्टी कार्यकर्ता प्रभात पांडेय के अंतिम संस्कार के दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया। वहां मौजूद लोगों ने नारेबाजी करते हुए अजय राय को चिता के पास जाने से रोक दिया। इस पर अजय राय ने कहा, “आपका बेटा, भतीजा और भाई मरा है तो मेरा भी कार्यकर्ता था। हम बस हाथ जोड़कर प्रणाम करने आए हैं।”

RS Shivmurti

पुलिस और सरकार विरोधी नारेबाजी


अंतिम संस्कार के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता पुलिस और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। वहीं, दूसरी ओर कुछ लोग राहुल और प्रियंका गांधी के खिलाफ नारे लगाने लगे। इस दौरान तनाव इतना बढ़ गया कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।

परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप


वहां मौजूद परिजनों और अन्य लोगों ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं को बुलाकर साजिश के तहत पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमला कराया गया। इन आरोपों ने माहौल को और गर्म कर दिया।

प्रभात पांडेय की मौत से गांव में शोक का माहौल


गीडा क्षेत्र के देईपार निवासी प्रभात पांडेय की मौत ने पूरे गांव को हतप्रभ कर दिया। 30 वर्षीय प्रभात दस दिन पहले लखनऊ में अपनी बहन के पास गया था। बुधवार को उनकी मौत की सूचना मिलते ही गांव में मातम छा गया। बृहस्पतिवार सुबह जब प्रभात का शव गांव पहुंचा, तो घर में चीख-पुकार मच गई।

पिता सदमे में, परिवार का बुरा हाल


प्रभात के पिता दीपक पांडेय बेटे की मौत की खबर सुनकर सदमे में हैं और कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं हैं। प्रभात दो बहनों में इकलौते भाई थे। उनकी एक बहन की शादी हो चुकी है और वह लखनऊ में रहती हैं। प्रभात दस दिन पहले उन्हीं के पास गए थे और यहीं से प्रदर्शन में शामिल हुए थे।

इसे भी पढ़े -  51 हजार दीपों से जगमगाया बिंदु सरोवर

पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा परिवार


मौत की सूचना मिलते ही लखनऊ में रहने वाले प्रभात के चाचा और बहन का परिवार पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गया। देईपार से भी परिवार के अन्य सदस्य लखनऊ रवाना हो गए।

“विश्वास ही नहीं हो रहा कि प्रभात अब नहीं है”
ग्रामीणों के अनुसार, प्रभात का व्यवहार बहुत अच्छा था। उनकी मौत की खबर से गांव में कोई विश्वास नहीं कर पा रहा है। बताया जा रहा है कि पिछले डेढ़ साल से प्रभात ज्यादातर समय लखनऊ में ही रहते थे।

जांच की मांग


गांव के लोग और परिवारजन घटना की पूरी जांच की मांग कर रहे हैं। प्रभात की मौत के कारणों को लेकर अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। घटना ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया है।

Jamuna college
Aditya