वाराणसी में ठंड से निपटने के दावे फेल: श्रद्धालु और पर्यटक परेशान

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वाराणसी में ठंड बढ़ने के साथ नगर निगम की लापरवाही खुलकर सामने आ रही है। गंगा घाटों पर न तो अलाव जलाने की व्यवस्था की गई है और न ही रैन बसेरों की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इस पवित्र नगरी में हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं, लेकिन ठंड के मौसम में आवश्यक सुविधाओं के अभाव में उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

गंगा घाटों पर अलाव की व्यवस्था न होने से ठंड से राहत पाने के लिए लोग इधर-उधर भटक रहे हैं। रैन बसेरों की कमी के कारण खुले में रात बिताने को मजबूर गरीब और बेघर लोगों की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है। ठंड के कारण किसी अनहोनी की आशंका भी बढ़ गई है।

अगर ठंड के कारण किसी की जान जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? प्रशासन द्वारा किए गए बड़े-बड़े दावे जमीनी स्तर पर नाकाम साबित हो रहे हैं। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करना प्रशासन का कर्तव्य है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में प्रशासन को जल्द से जल्द उचित व्यवस्था करनी चाहिए।

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