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बीएचयू में बनेगा ‘आप्थेलमिक पॉली ट्रॉमा नोडल सेंटर’: आंखों में चोट के मरीजों के लिए बेहतर इलाज की शुरुआत

बीएचयू में बनेगा ‘आप्थेलमिक पॉली ट्रॉमा नोडल सेंटर
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पूर्वांचल, बिहार और नेपाल सहित अन्य प्रदेशों से इलाज के लिए वाराणसी स्थित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में एक अहम कदम उठाया जा रहा है। बीएचयू में अब एक ऐसा केंद्र स्थापित किया जाएगा, जो आंखों में गंभीर चोटों के इलाज के लिए विशेष रूप से काम करेगा। इसे ‘आप्थेलमिक पॉली ट्रॉमा नोडल सेंटर’ कहा जाएगा। इस केंद्र के खुलने से इन क्षेत्रों के मरीजों को बेहतर इलाज मिलने की उम्मीद जगी है। यह न केवल क्षेत्रीय मरीजों के लिए, बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मरीजों के लिए भी एक राहत भरी खबर है, जो गंभीर आंखों की चोटों के उपचार के लिए बीएचयू का रुख करते हैं।

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आंखों में चोट: एक गंभीर समस्या

आंखों में चोट लगने से मरीजों के जीवन की गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ सकता है। आंखों की चोटें मामूली से लेकर गंभीर रूप से दृष्टिहीनता तक जा सकती हैं। कई बार दुर्घटनाओं, खेल-कूद, या अन्य कारणों से आंखों में गंभीर चोट लगती है, जो चिकित्सा मदद के बिना स्थायी दृष्टिहीनता का कारण बन सकती है। भारत और नेपाल जैसे देशों में जहां सड़क हादसों और दुर्घटनाओं की दर उच्च है, वहां आंखों में चोट लगने के मामलों में भी वृद्धि हो रही है। यह समस्या विशेष रूप से पूर्वांचल और बिहार के विभिन्न इलाकों में ज्यादा देखी जा रही है, जहां मेडिकल सुविधाओं की कमी के कारण इन चोटों का इलाज समय पर नहीं हो पाता है।

बीएचयू में बनने वाला ‘आप्थेलमिक पॉली ट्रॉमा नोडल सेंटर’ इस समस्या का समाधान लाने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इस केंद्र के माध्यम से आंखों में लगी चोटों का न केवल प्राथमिक उपचार, बल्कि विशेषज्ञों द्वारा समग्र देखभाल भी की जाएगी। इस केंद्र का उद्देश्य आंखों की गंभीर चोटों से संबंधित सभी तरह की चिकित्सा सेवाएं एक ही जगह पर प्रदान करना है, ताकि मरीजों को उच्चतम स्तर की देखभाल मिल सके।

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बीएचयू में नया आप्थेलमिक पॉली ट्रॉमा नोडल सेंटर: क्यों है यह महत्वपूर्ण

बीएचयू का यह नया केंद्र आंखों की चोटों के इलाज के लिए अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों और विशेषज्ञों से लैस होगा। यहां पर आंखों के ट्रॉमा से संबंधित सभी प्रकार के मरीजों का इलाज किया जाएगा। इस सेंटर का प्रमुख उद्देश्य आंखों की चोटों के इलाज के लिए एक केंद्रीय केंद्र स्थापित करना है, जो आसपास के जिलों, राज्यों और यहां तक कि नेपाल से आने वाले मरीजों के लिए उपलब्ध हो। यह केंद्र एक ही जगह पर मरीजों को विशेषज्ञ उपचार, सर्जरी, रिहैबिलिटेशन और निगरानी प्रदान करेगा, जिससे उन्हें अधिकतम राहत मिलेगी।

बीएचयू में स्थापित किया जा रहा यह आप्थेलमिक पॉली ट्रॉमा नोडल सेंटर न केवल आम मरीजों के लिए, बल्कि उन लोगों के लिए भी एक बड़ी राहत का कारण बनेगा, जो सड़क दुर्घटनाओं, खेल कूद के दौरान या अन्य दुर्घटनाओं में अपनी आंखों को गंभीर रूप से घायल कर बैठते हैं। अब मरीजों को इलाज के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि बीएचयू में एक समर्पित और विशेषज्ञ टीम के तहत इलाज की पूरी व्यवस्था होगी।

पूर्वांचल, बिहार और नेपाल से आने वाले मरीजों के लिए बड़ी राहत

पूर्वांचल, बिहार और नेपाल के नागरिकों के लिए बीएचयू में बने इस आप्थेलमिक पॉली ट्रॉमा नोडल सेंटर का खुलना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन इलाकों में हादसों और दुर्घटनाओं के बाद आंखों की चोटों का इलाज करने के लिए कई बार विशेषज्ञ चिकित्सक और संसाधनों की कमी महसूस होती है। इसके कारण मरीजों को इलाज में देरी हो जाती है, और कई बार स्थायी दृष्टिहीनता जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।

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अब इस नए सेंटर के खुलने से इन क्षेत्रों के मरीजों को न केवल त्वरित उपचार मिलेगा, बल्कि उन्नत तकनीकी सुविधाओं के साथ-साथ विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम भी मिलेगी। इसके अलावा, बीएचयू में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के लिए अस्पताल में रहने और अन्य सुविधाओं के बेहतर प्रबंधन की व्यवस्था की जाएगी, जिससे मरीजों और उनके परिवारजनों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।

बीएचयू की विशेषज्ञ टीम और अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाएं

बीएचयू में आप्थेलमिक पॉली ट्रॉमा नोडल सेंटर के तहत उपचार के लिए अनुभवी और प्रशिक्षित विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम नियुक्त की जाएगी। इसके अलावा, यहां पर अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों की व्यवस्था भी की जाएगी, जिनसे मरीजों का इलाज बेहतर और अधिक सटीक तरीके से किया जा सके। इस केंद्र में आंखों की चोटों से संबंधित सर्जरी, रिहैबिलिटेशन और उपचार की सभी प्रक्रियाएं एक जगह पर उपलब्ध होंगी, जिससे मरीजों को इलाज में कोई रुकावट न आए।

इस केंद्र में लगाए जाने वाले उपकरणों और चिकित्सा सुविधाओं में दुनिया भर के सर्वोत्तम तकनीकी मानकों को ध्यान में रखते हुए उपकरणों का चयन किया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि मरीजों को उच्चतम स्तर की चिकित्सा सेवा मिले, जिससे उनकी आंखों की चोट का इलाज जल्दी और प्रभावी ढंग से किया जा सके। साथ ही, यह सेंटर बीएचयू के आई सेंटर के रूप में भी काम करेगा, जो न केवल स्थानीय, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक प्रमुख चिकित्सा संस्थान के रूप में उभरेगा।

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