Chintpurni Mata Aarti | चिंतपूर्णी माता आरती

खबर को शेयर करे

चिंतपूर्णी माता को भारत में देवी शक्ति का एक अद्भुत रूप माना जाता है। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित चिंतपूर्णी मंदिर लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है। माता को उनकी कृपा और भक्तों की चिंताओं को हरने के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। उनकी आरती का महत्व अनमोल है, क्योंकि इसे गाने से मन को शांति और आत्मा को सुकून मिलता है। यह आरती भक्तों के हृदय में भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।

माना जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से माता की आरती गाते हैं, उनकी सभी परेशानियाँ और दुःख दूर हो जाते हैं। यह आरती न केवल आध्यात्मिक अनुभव देती है बल्कि जीवन में सकारात्मकता और नई ऊर्जा का संचार भी करती है।

चिंतपूर्णी माता आरती


चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी,
जग को तारो भोली माँजन को तारो भोली माँ,
काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा ॥
॥ भोली माँ ॥

सिन्हा पर भाई असवार,
भोली माँ, चिंतपूर्णी चिंता दूर ॥
॥ भोली माँ ॥

एक हाथ खड़ग दूजे में खांडा,
तीजे त्रिशूल सम्भालो ॥
॥ भोली माँ ॥

चौथे हाथ चक्कर गदा,
पाँचवे-छठे मुण्ड़ो की माला ॥
॥ भोली माँ ॥

सातवे से रुण्ड मुण्ड बिदारे,
आठवे से असुर संहारो ॥
॥ भोली माँ ॥

चम्पे का बाग़ लगा अति सुन्दर,
बैठी दीवान लगाये ॥
॥ भोली माँ ॥

हरी ब्रम्हा तेरे भवन विराजे,
लाल चंदोया बैठी तान ॥
॥ भोली माँ ॥

औखी घाटी विकटा पैंडा,
तले बहे दरिया ॥
॥ भोली माँ ॥

इसे भी पढ़े -  Surya dev ki Aarti lyrics | सूर्य देव की आरती लिरिक्स

सुमन चरण ध्यानु जस गावे,
भक्तां दी पज निभाओ ॥
॥ भोली माँ ॥

चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी,
जग को तारो भोली माँ॥

चिंतपूर्णी माता की आरती केवल एक प्रार्थना नहीं है; यह एक आध्यात्मिक यात्रा है जो भक्तों को माता के चरणों में समर्पण का अनुभव कराती है। यह आरती हमें याद दिलाती है कि कोई भी कठिनाई असंभव नहीं है जब हमारे साथ माता का आशीर्वाद हो।

इस आरती के माध्यम से माता चिंतपूर्णी के प्रति अपनी भक्ति प्रकट कर, हम अपने जीवन को खुशियों और आशीर्वाद से भर सकते हैं। तो आइए, श्रद्धा के साथ माता की आरती गाएं और उनके चरणों में अपनी चिंताओं को अर्पित कर, मन और आत्मा को शांति का अनुभव कराएं। जय माता दी!