बाबा बालकनाथ की आरती एक बहुत ही प्रिय और पवित्र भजन है, जिसे भक्तों द्वारा बाबा बालकनाथ की आराधना के दौरान गाया जाता है। बाबा बालकनाथ को एक महान संत और भगवान शिव के अवतार के रूप में पूजा जाता है, जिनकी कृपा से भक्तों की सभी दुखों और परेशानियों का निवारण होता है। यह आरती भगवान बालकनाथ के प्रति श्रद्धा और आस्था को व्यक्त करने का एक सुंदर तरीका है। बाबा बालकनाथ की आरती में उनके अद्भुत गुणों का वर्णन किया जाता है, जो हमें जीवन के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। यह आरती सुनते ही मन में शांति और सुख का अनुभव होता है, और भक्तों की प्रार्थनाएँ शीघ्र ही पूरी होती हैं।
बाबा बालकनाथ की आरती
ॐ जय कलाधारी हरे,
स्वामी जय पौणाहारी हरे,
भक्त जनों की नैया।
दस जनों की नैया, भव से पार करे,
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
बालक उमर सुहानी,
नाम बालक नाथा।
अमर हुए शंकर से, सुन के अमर गाथा ,
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
शीश पे बाल सुनैहरी,
गले रुद्राक्षी माला।
हाथ में झोली चिमटा, आसन मृगशाला ,
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
सुंदर सेली सिंगी, वैरागन सोहे,
गऊ पालक रखवालक।
भगतन मन मोहे ,
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
अंग भभूत रमाई,
मूर्ति प्रभु रंगी।
भय भज्जन दुःख नाशक, भरथरी के संगी,
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
रोट चढ़त रविवार को,
फल, फूल मिश्री मेवा।
धुप दीप कुदनुं से, आनंद सिद्ध देवा ,
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
भक्तन हित अवतार लियो,
प्रभु देख के कल्लू काला।
दुष्ट दमन शत्रुहन, सबके प्रतिपाला ,
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
श्री बालक नाथ जी की आरती,
जो कोई नित गावे।
कहते है सेवक तेरे, मन वाच्छित फल पावे ,
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
ॐ जय कलाधारी हरे,
स्वामी जय पौणाहारी हरे।
भक्त जनों की नैया, भव से पार करे,
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
बाबा बालकनाथ की आरती न केवल भक्ति का एक माध्यम है, बल्कि यह एक ऐसी ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक भी है जो हमें जीवन में सही दिशा और साहस प्रदान करती है। जब भी हम इस आरती को गाते हैं या सुनते हैं, तो हमें बाबा की कृपा का आभास होता है और हमारी आस्था मजबूत होती है। उनकी उपासना से न केवल हमारे जीवन की कठिनाइयाँ दूर होती हैं, बल्कि हमें आंतरिक शांति और संतोष भी प्राप्त होता है। आइए, हम सभी मिलकर बाबा बालकनाथ की आरती का जाप करें और उनकी असीम कृपा से अपने जीवन को सवारें।