चंद्रदेव, जिन्हें चंद्रमा के देवता माना जाता है, हमारे जीवन में शीतलता और शांति का प्रतीक हैं। उनकी पूजा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारे मन और आत्मा को शांति प्रदान करती है। चंद्रदेव की आरती उनकी कृपा और आशीर्वाद पाने का एक पवित्र माध्यम है। जब हम उनकी आरती गाते हैं, तो हमारे जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता का संचार होता है। यह आरती भक्तों के लिए चंद्रमा की शीतलता और आस्था का प्रतीक बनती है।
चंद्रदेव की आरती
ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा ,
दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी॥
ॐ जय सोम देवा..
रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी,
दीन दयाल दयानिधि, भव बन्धन हारी॥
ॐ जय सोम देवा…
जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे,
सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि॥
ॐ जय सोम देवा…
योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धरें ,
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, सन्त करें सेवा॥
ॐ जय सोम देवा…
वेद पुराण बखानत, भय पातक हारी,
प्रेमभाव से पूजें, सब जग के नारी॥
ॐ जय सोम देवा…
शरणागत प्रतिपालक, भक्तन हितकारी,
धन सम्पत्ति और वैभव, सहजे सो पावे॥
ॐ जय सोम देवा…
विश्व चराचर पालक, ईश्वर अविनाशी,
सब जग के नर नारी, पूजा पाठ करें॥
ॐ जय सोम देवा…
ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा॥
चंद्रदेव की आरती का महत्व उनकी कृपा और हमारे जीवन में संतुलन बनाए रखने में निहित है। यह हमें न केवल आध्यात्मिक शक्ति देती है, बल्कि मानसिक शांति और सकारात्मकता का अनुभव कराती है। यदि आप भी अपने जीवन में शीतलता और संतुलन लाना चाहते हैं, तो नियमित रूप से चंद्रदेव की आरती करें और उनकी कृपा से अपने जीवन को प्रकाशित करें। जय चंद्रदेव!