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Shri Badrinath Ji Ki Aarti | श्री बद्रीनाथ जी की आरती

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श्री बद्रीनाथ जी की आरती भगवान विष्णु के स्वरूप बद्रीनारायण को समर्पित एक पवित्र भजन है। यह आरती न केवल भक्तों के मन को शांति और सुकून देती है, बल्कि भगवान की कृपा और आशीर्वाद पाने का एक माध्यम भी है। बद्रीनाथ धाम, जो चार धामों में से एक है, यहाँ हर सुबह और शाम इस आरती का गायन होता है, जिससे पूरा वातावरण दिव्यता से भर जाता है। जब यह आरती गाई जाती है, तो ऐसा लगता है जैसे स्वयं भगवान बद्रीनारायण भक्तों पर अपनी कृपा बरसा रहे हों।

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श्री बद्रीनाथ जी की आरती


पवन मंद सुगंध शीतल,
हेम मंदिर शोभितम्॥

निकट गंगा बहत निर्मल,
श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्॥

शेष सुमिरन करत निशदिन,
धरत ध्यान महेश्वरम्॥

वेद ब्रह्मा करत स्तुति,
श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम्॥

॥ पवन मंद सुगंध शीतल…॥

शक्ति गौरी गणेश शारद,
नारद मुनि उच्चारणम्॥

जोग ध्यान अपार लीला,
श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्॥

॥ पवन मंद सुगंध शीतल…॥

इंद्र चंद्र कुबेर धुनि कर,
धूप दीप प्रकाशितम्॥

सिद्ध मुनिजन करत जय जय,
बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्॥

॥ पवन मंद सुगंध शीतल…॥

यक्ष किन्नर करत कौतुक,
ज्ञान गंधर्व प्रकाशितम्॥

श्री लक्ष्मी कमला चंवरडोल,
श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्॥

॥ पवन मंद सुगंध शीतल…॥

कैलाश में एक देव निरंजन,
शैल शिखर महेश्वरम्॥

राजयुधिष्ठिर करत स्तुति,
श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्॥

॥ पवन मंद सुगंध शीतल…॥

श्री बद्रजी के पंच रत्न,
पढ्त पाप विनाशनम्॥

कोटि तीर्थ भवेत पुण्य,
प्राप्यते फलदायकम्॥

॥ पवन मंद सुगंध शीतल…॥

पवन मंद सुगंध शीतल,
हेम मंदिर शोभितम्॥

निकट गंगा बहत निर्मल,
श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्॥

॥ इति श्री बद्रीनाथ जी आरती संपूर्णम्॥

श्री बद्रीनाथ जी की आरती केवल एक प्रार्थना नहीं है, यह आत्मा और परमात्मा के बीच का एक अद्भुत संवाद है। इसके माध्यम से भक्त अपनी भावनाओं को भगवान के चरणों में समर्पित करते हैं और उनकी कृपा का अनुभव करते हैं। इस आरती को सुनने और गाने से मन में शांति, भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। अगर आप कभी बद्रीनाथ धाम जाएं, तो इस आरती का दिव्य अनुभव अवश्य लें और भगवान बद्रीनारायण की अपार कृपा प्राप्त करें।

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