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Chintpurni Mata | चिंतपूर्णी माता

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चिंतपूर्णी माता एक प्रमुख हिन्दू देवी हैं, जिनकी पूजा विशेष रूप से उत्तर भारत में की जाती है। इनका मंदिर हिमाचल प्रदेश के ऊंचे पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है और यहां सालभर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रहती है। कहा जाता है कि चित्त की हर चिंता और शंका को दूर करने वाली ये देवी भक्तों को शांति और सुख देती हैं। ‘चिंत’ का मतलब है चिंता और ‘पूर्णी’ का मतलब है पूर्ण, अर्थात् वे देवी जो सारी चिंताओं को दूर करके भक्तों को मानसिक शांति प्रदान करती हैं। इस मंदिर में पहुंचने वाले भक्त श्रद्धा और विश्वास के साथ अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना करते हैं।

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चिंतपूर्णी माता

चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी,
जग को तारो भोली माँ,
जन को तारो भोली माँ,
काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा !!
!! भोली माँ…!!

सिन्हा पर भाई असवार,
भोली माँ, चिंतपूर्णी चिंता दूर
!! भोली माँ…!!

एक हाथ खड़ग दूजे में खांडा,
तीजे त्रिशूल सम्भालो
!! भोली माँ…!!

चौथे हाथ चक्कर गदा,
पाँचवे-छठे मुण्ड़ो की माला
!! भोली माँ…!!

सातवे से रुण्ड मुण्ड बिदारे,
आठवे से असुर संहारो
!! भोली माँ…!!

चम्पे का बाग़ लगा अति सुन्दर,
बैठी दीवान लगाये
!! भोली माँ…!!

हरी ब्रम्हा तेरे भवन विराजे,
लाल चंदोया बैठी तान
!! भोली माँ…!!

औखी घाटी विकटा पैंडा,
तले बहे दरिया
!! भोली माँ…!!

सुमन चरण ध्यानु जस गावे,
भक्तां दी पज निभाओ
!! भोली माँ…!!

!! चिंतपूर्णी माता की जय !!

चिंतपूर्णी माता के चरणों में बसा हुआ अनंत सुख और शांति का अनुभव हर भक्त को होता है। इनकी पूजा न सिर्फ चिंता मुक्त जीवन की ओर बढ़ने का रास्ता दिखाती है, बल्कि भक्तों को मानसिक और आत्मिक बल भी देती है। यदि आप भी अपने जीवन की परेशानियों से जूझ रहे हैं, तो एक बार चिंतपूर्णी माता के दरबार में माथा टेकने जरूर जाएं। माता की कृपा से आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन हो। माता की आशीर्वाद से हर चिंता का अंत संभव है।

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