गणेश संकटनाशन स्तोत्रम्, भगवान गणेश के चरणों में सम्पूर्ण समर्पण का एक अद्भुत मंत्र है। यह स्तोत्र विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए लाभकारी है जो जीवन में आ रही समस्याओं और संकटों से मुक्ति की कामना करते हैं। संस्कृत में रचित यह स्तोत्र भगवान गणेश के अनंत कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक सरल और प्रभावी उपाय है। जब भी जीवन में कोई बड़ी परेशानी या संकट घेर लेता है, तो इस स्तोत्र का पाठ करने से मानसिक शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। गणेश जी की पूजा और उनके मंत्रों का जप हमारे जीवन को सकारात्मक दिशा में बदल सकता है।
॥ ॐ श्री गणेशायनमः॥
प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम…
भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये ॥
प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम…
तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम ॥
लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च…
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम्॥
नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम …
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम ॥
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर:…
न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो ॥
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् …
पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ॥
जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत्…
संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय:॥
अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत…
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत: ॥
॥ इति श्रीनारदपुराणे संकष्टनाशनं गणेशस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
गणेश संकटनाशन स्तोत्रम् केवल एक मंत्र नहीं, बल्कि यह हमारे जीवन में नकारात्मकताओं को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने का एक माध्यम है। जब भी जीवन में किसी प्रकार की मुश्किलों का सामना करें, तो इस स्तोत्र का पाठ करके भगवान गणेश के आशीर्वाद से अपने संकटों से छुटकारा पा सकते हैं। भगवान गणेश की असीम कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। इसलिए इस स्तोत्र का नियमित पाठ हमारे जीवन को शांति और सफलता की ओर मार्गदर्शन करता है। गणेश जी की कृपा हमेशा हम सभी पर बनी रहे।