Durga Ji Ka Mantra | दुर्गा जी का मंत्र

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दुर्गा जी का मंत्र हमारी आस्था और शक्ति का प्रतीक है। यह मंत्र न केवल हमारी आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाता है, बल्कि मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान करता है। मां दुर्गा, जिन्हें शक्ति और साहस की देवी माना जाता है, उनके मंत्रों का जप करने से जीवन की कठिनाइयों से लड़ने की ताकत मिलती है। चाहे आप आत्मिक शांति की तलाश में हों या अपने जीवन में नई ऊर्जा का संचार करना चाहते हों, दुर्गा जी का मंत्र आपकी हर समस्या का समाधान बन सकता है।

मंत्र

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै॥

ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते॥

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।

दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः,
सवर्स्धः स्मृता मतिमतीव शुभाम् ददासि।
दुर्गे देवि नमस्तुभ्यं सर्वकामार्थसाधिक,
मम सिद्धिमसिद्धिं वा स्वप्ने सर्वं प्रदर्शय।

दुर्गा जी के मंत्रों का जप न केवल हमारे जीवन को सकारात्मक दिशा देता है, बल्कि हमें आत्मविश्वास और साहस से भर देता है। यह हमारी आस्था को मजबूत करता है और हमें यह याद दिलाता है कि मां दुर्गा की कृपा से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है। नियमित रूप से इन मंत्रों का जप करें और अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का अनुभव करें। मां दुर्गा आपके जीवन को ऊर्जा और आशीर्वाद से भर दें, यही शुभकामना है। जय माता दी!

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