सुखकर्ता दुखहर्ता आरती भगवान गणेश की वह आरती है, जो हर भक्त के दिल को सुकून और मन को प्रसन्नता से भर देती है। यह आरती गणपति बप्पा की महिमा का गान है, जो जीवन के सभी दुखों को हरने और सुखों का आशीर्वाद देने वाले माने जाते हैं। हर साल गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक, यह आरती हर मंदिर और हर घर में गूंजती है। इसकी पंक्तियाँ न केवल धार्मिक आस्था को मजबूती देती हैं, बल्कि हमारी संस्कृति और परंपरा का एक सुंदर उदाहरण भी हैं। इस लेख में हम आपको ‘सुखकर्ता दुखहर्ता आरती’ के बोल (lyrics) के साथ-साथ इसके महत्व के बारे में बताएंगे।
सुखकर्ता दुखहर्ता आरती लिरिक्स
सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची,
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची॥
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची,
कंठी झलके माल मुकताफळांची॥
जय देव जय देव,
जय मंगल मूर्ति, दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ति॥
जय देव जय देव…
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा,
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा॥
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा,
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया॥
जय देव जय देव,
जय मंगल मूर्ति, दर्शनमात्रे मन कामना पूर्ति॥
जय देव जय देव…
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना,
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना॥
दास रामाचा वाट पाहे सदना,
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना॥
जय देव जय देव,
जय मंगल मूर्ति, दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति॥
जय देव जय देव…
शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को,
दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को॥
हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को,
महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को॥
जय जय जय जय जय,
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता॥
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता,
जय देव जय देव…
अष्ट सिधि दासी संकट को बैरी,
विघन विनाशन मंगल मूरत अधिकारी॥
कोटि सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी,
गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी॥
जय जय जय जय जय,
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता॥
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता,
जय देव जय देव…
भावभगत से कोई शरणागत आवे,
संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे॥
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे,
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे॥
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता,
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता॥
जय देव जय देव…
सुखकर्ता दुखहर्ता आरती न केवल एक धार्मिक प्रार्थना है, बल्कि यह भक्तों के लिए भगवान गणेश के प्रति अपने प्रेम और श्रद्धा को व्यक्त करने का एक माध्यम भी है। इसके हर शब्द में गणपति बप्पा की महिमा झलकती है और यह हमारे मन में सकारात्मकता, शांति और ऊर्जा का संचार करती है। जब भी आप इस आरती को गाते हैं या सुनते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे भगवान गणेश स्वयं आपके जीवन की परेशानियों को दूर करने और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देने आ गए हों। गणपति बप्पा की इस आरती का गान हर भक्त के लिए एक अलौकिक अनुभव है।