Hanuman Gayatri Mantra Lyrics | हनुमान गायत्री मंत्र लिरिक्स

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हनुमान गायत्री मंत्र हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार करता है। यह मंत्र भगवान हनुमान की भक्ति और उनके अद्भुत गुणों की स्तुति है। इसे जपने से मनुष्य के अंदर साहस, बल, बुद्धि और शक्ति का विकास होता है। हनुमान जी को संकटमोचक और भक्तों के रक्षक के रूप में पूजा जाता है, और गायत्री मंत्र उनकी कृपा प्राप्त करने का एक सरल और प्रभावी उपाय है। इस मंत्र का उच्चारण हमारे जीवन के कठिन समय में एक आशा की किरण जगाता है और हमें हर बाधा से उबरने की प्रेरणा देता है।

हनुमान गायत्री मंत्र लिरिक्स


ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि।
तन्नो: हनुमान: प्रचोदयात॥

ओम् रामदूताय विद्मिहे कपिराजाय धीमहि।
तन्नो: मारुति: प्रचोदयात॥

ओम् अन्जनिसुताय विद्मिहे महाबलाय धीमहि।
तन्नो: मारुति: प्रचोदयात॥

हनुमान गायत्री मंत्र सिर्फ एक प्रार्थना नहीं, बल्कि यह हमारे जीवन को दिशा देने वाला एक मार्गदर्शक है। इस मंत्र के नियमित जाप से व्यक्ति के जीवन में मानसिक शांति और आत्मिक संतोष आता है। हनुमान जी की कृपा से हर संकट का समाधान मिल सकता है और सफलता के मार्ग खुलते हैं। यदि आप भी अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करना चाहते हैं, तो इस पवित्र मंत्र को अपनाएं और अपनी भक्ति को नई ऊंचाइयों तक ले जाएं। जय हनुमान!

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Shiv murti
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