शिव स्तुति, भगवान शिव की महिमा का वर्णन करने वाला एक अनुपम स्तोत्र है, जो हमारी आत्मा को शांति और शक्ति प्रदान करता है। इसकी मधुर धुन और गहरे अर्थ हमें भक्ति के उस स्तर पर ले जाते हैं, जहां हम अपनी समस्याओं को भूलकर केवल महादेव की शक्ति और कृपा का अनुभव करते हैं। शिव, जिन्हें त्रिनेत्रधारी और नीलकंठ के नाम से भी जाना जाता है, सृष्टि के संहारक और पालक दोनों हैं। उनकी स्तुति के माध्यम से हम उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं और जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए साहस प्राप्त करते हैं
शिव स्तुति के बोल सरल होते हुए भी अत्यंत प्रभावशाली हैं। इसे गाते या सुनते समय ऐसा प्रतीत होता है जैसे खुद भगवान शिव हमारे करीब आकर हमें आशीर्वाद दे रहे हों। इस स्तुति का पाठ न केवल हमारे मन को शांत करता है बल्कि हमारी आत्मा को भी पवित्रता और नई ऊर्जा से भर देता है।
शिव स्तुति लिरिक्स
आशुतोष शशांक शेखर, चन्द्र मौली चिदंबरा,
कोटि कोटि प्रणाम शम्भू, कोटि नमन दिगम्बरा॥
निर्विकार ओमकार अविनाशी, तुम्ही देवाधि देव,
जगत सर्जक प्रलय करता, शिवम सत्यम सुंदरा॥
निरंकार स्वरूप कालेश्वर, महा योगीश्वरा,
दयानिधि दानिश्वर जय, जटाधार अभयंकरा॥
शूल पानी त्रिशूल धारी, औगड़ी बाघम्बरी,
जय महेश त्रिलोचनाय, विश्वनाथ विशम्भरा॥
नाथ नागेश्वर हरो हर, पाप साप अभिशाप तम,
महादेव महान भोले, सदा शिव शिव संकरा॥
जगत पति अनुरकती भक्ति, सदैव तेरे चरण हो,
क्षमा हो अपराध सब, जय जयति जगदीश्वरा॥
जनम जीवन जगत का, संताप ताप मिटे सभी,
ओम नमः शिवाय मन, जपता रहे पञ्चाक्षरा॥
आशुतोष शशांक शेखर, चन्द्र मौली चिदंबरा,
कोटि कोटि प्रणाम शम्भू, कोटि नमन दिगम्बरा॥
कोटि नमन दिगम्बरा.., कोटि नमन दिगम्बरा…
कोटि नमन दिगम्बरा॥
शिव स्तुति के बोल केवल शब्द नहीं, बल्कि हमारे लिए एक आध्यात्मिक पुल हैं, जो हमें महादेव से जोड़ते हैं। जब आप इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाते हैं, तो यह आपको मानसिक शांति, सकारात्मकता और अद्भुत आत्मविश्वास प्रदान करता है।
इस स्तुति को सुनना या गाना, केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि भगवान शिव के साथ अपने रिश्ते को गहरा करने का एक साधन है। यदि आपने इसे पहले नहीं सुना है, तो आज ही इसकी दिव्यता को अनुभव करें और इसे अपने जीवन में शामिल करें। महादेव की अनुकंपा आपके हर कदम पर आपका मार्गदर्शन करे और जीवन को सफलता और सुख से भर दे। हर हर महादेव!