जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव संपन्न हुए, जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीत हासिल की। इस जीत के साथ ही उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं, और शपथ ग्रहण समारोह के लिए मंच तैयार हो चुका है। यह प्रदेश में 10 वर्षों के अंतराल के बाद एक चुनी हुई सरकार का गठन होगा।
शपथ ग्रहण समारोह बुधवार को डल झील के किनारे स्थित शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनके मंत्रियों को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सुबह 11:30 बजे पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। समारोह स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी की गई है, क्योंकि इसमें कई महत्वपूर्ण वीवीआईपी और अन्य प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी।
इंडिया गठबंधन के घटक दलों के प्रतिनिधियों को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है, जो समारोह की गरिमा बढ़ाएंगे। उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण को प्रदेश की राजनीति के एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है, विशेषकर अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और लंबे समय तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू रहने के बाद।
जम्मू-कश्मीर के लोग इस नए युग की शुरुआत को उम्मीदों भरी नजरों से देख रहे हैं। उमर अब्दुल्ला की अगुवाई में एक स्थिर और विकासशील सरकार की स्थापना की दिशा में यह कदम प्रदेश की जनता के लिए एक महत्वपूर्ण परिवर्तन का संकेत है।