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अपराधजगत के नियंत्रण की सर्वप्रथम उद्घोषणा और विंध्याचल धाम

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कंस-वध का ऐलान कर योगमाया यहीं आईं थीं

द्वापर की सुरक्षा तंत्र की पहली प्रमुख थीं योगमाया

यूपी पुलिस में DG (जेल) श्री साबत यदि HOD बनते हैं तो आध्यात्मिक कथा साकार दिखेगी

मिर्जापुर। वर्ष के अंतिम दिन उत्तर प्रदेश सरकार के प्रशासकीय मुखिया मुख्य सचिव और पुलिस मुखिया DGP (HOD) की सेवानिवृत्ति के बाद नई नियुक्ति पर इस बार सिद्धपीठ मां विन्ध्यवासिनी धाम की भी निगाहें लगी हुई हैं।
प्रदेश पुलिस सेवा में DG (जेल) पद पर वर्तमान में सेवा दे रहे वरिष्ठतम IPS श्री एस एन साबत पुलिस-सेवा के शीर्ष पायदान पर है। वे विन्ध्यधाम में बतौर SP और DIG दो बार सेवा दे चुके हैं। तीसरी बार सेवा में पुलिस प्रमुख बनते हैं तो उनके परिक्षेत्र में विन्ध्यधाम आ जाएगा और सेवा का त्रिकोण बन जाएगा। विन्ध्य धाम के त्रिकोण की आध्यात्मिक महत्ता भी है।
श्री साबत की बतौर SP और DIG विंध्यधाम में की गई सेवा निरन्तर स्मरणीय और उदाहरणीय बनी है। विंध्यधाम की सुव्यवस्था में उनका योगदान तीर्थपुरोहितों सहित जनमानस निरन्तर याद भी करता रहता है।
वर्ष 2019 में ADG के रूप में प्रयागराज के महाकुंभ में श्री साबत की पुलिस व्यवस्था की सराहना तथा प्रशंसा स्वतः मुख्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री ने भी की थी। किसी तरह की अप्रिय घटना ऐतिहासिक कुंभ मेले में नहीं हुई थी। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना भी हुई थी लिहाज़ा मां विन्ध्यवासिनी धाम से जो गूँज निकल रही है, उसकी ध्वनि यही है कि उन्हें पुलिस विभाग का HOD बनाया जाए। इससे प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ कॉरिडोर के पैटर्न पर शुरू मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट विन्ध्य कॉरिडोर के निर्माण सहित अन्यान्य व्यवस्था में कुंभ मेले जैसी उपलब्धि हासिल होगी। इन दिनों श्री साबत DG (जेल) हैं। धार्मिक उद्धरणों को देखा जाए तो जेल में पैदा हुए श्रीकृष्ण को बचाने के लिए चमत्कार को अंजाम योगमाया ने दिया था। बतौर जेल प्रमुख बन कर जेल में खुद ही चली गई थीं। कंस ने उन्हें मारना चाहा था लेकिन कंस के हाथों छूटकर वे इसी विंध्यधाम में आईं थीं और कंस जैसे अपराधी को दण्डित करने का आदेश भी आकाशवाणी के जरिए जगज़ाहिर किया था। इस तरह योगमाया भी अपराध-नियंत्रण की प्रथम HOD ही थीं। ऐसी स्थिति में यहां योगदान दे चुके श्री साबत का HOD बनना आध्यात्मिक कथाओं
को साकार करेगा।
बतौर लेखक और साहित्य-सृजन के लिए वे कई बार सम्मानित हुए हैं। साहित्यजगत भी उन्हें शीर्ष पायदान पर देखना चाहता है।

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