कमालपुर (धानापुर): महुंजी गांव के ग्रामीणों ने पुनः सर्वे कराकर चकबंदी की मांग की है, ताकि किसानों की समस्याओं का समाधान हो सके। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर 1 अक्टूबर तक जिला प्रशासन द्वारा सर्वे कराकर चकबंदी की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई, तो 2 अक्टूबर को महुंजी गांव स्थित ब्रह्म बाबा मंदिर परिसर में आमरण अनशन किया जाएगा।
कई वर्षों से महुंजी गांव के किसान चकबंदी प्रक्रिया को गलत बताते आ रहे हैं। उनकी प्रमुख मांग है कि गंगा नदी और नाले के किनारे की 200 मीटर तक की भूमि को बाढ़ प्रभावित मानते हुए चकबंदी प्रक्रिया से अलग रखा जाए।
इस मांग पर पहले भी कार्रवाई हुई थी। 27 अप्रैल 2022 को चकबंदी अधिकारी शशि प्रताप सिंह, बंदोबस्त अधिकारी रविंद्र सिंह और सहायक चकबंदी अधिकारी नीरज सिंह की टीम ने महुंजी गांव का दौरा कर जांच-पड़ताल की थी। जांच में पाया गया कि प्रस्तावित चकबंदी योजना में सुधार संभव नहीं है और इसे निरस्त कर पुनः सर्वे के आधार पर नई योजना बनाना उचित होगा। इसके बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
31 जुलाई 2024 को किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने जयप्रकाश सिंह के नेतृत्व में जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर पुनः सर्वे की मांग की, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। जयप्रकाश सिंह ने कहा है कि यदि 1 अक्टूबर तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो 2 अक्टूबर को आमरण अनशन शुरू किया जाएगा। इस अवसर पर रामशरण सिंह, बलिराम सिंह और शनि सिंह भी उपस्थित थे।