पंडित दीनदयाल नगर के कैलाशपुरी में गुरुवार को एक लावारिस घायल बछड़ा मिला, जिसे देखकर स्थानीय लोगों ने नगर पालिका के प्रभारी ईओ अविनाश कुमार को सूचना दी। उनकी हिदायत पर चिकित्सकीय टीम मौके पर पहुंची और बछड़े का उपचार किया, जिससे आसपास के लोगों ने उनकी सराहना भी की। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि उपचार के बाद बछड़े को पशु आश्रय केंद्र ले जाने के बजाय वहीं छोड़ दिया गया, जहां वह चल पाने में असमर्थ होकर लाचार अवस्था में पड़ा रहा।
शुक्रवार को भी घायल बछड़ा उसी जगह पर बारिश में भीगता नजर आया। स्थानीय लोग उसे खाना तो दे रहे थे, लेकिन सरकारी कर्मचारियों द्वारा उसे उचित देखभाल के लिए आश्रय स्थल तक न ले जाना, उनकी उदासीनता को उजागर करता है।
यह घटना पशु आश्रय केंद्रों की उपयोगिता पर भी सवाल खड़ा करती है। मुगलचक में कान्हा गौशाला का निर्माण हो रहा है, लेकिन ऐसे निराश्रित पशुओं के लिए यह सुविधाएं कितनी प्रभावी हैं, यह बछड़े की स्थिति देखकर स्पष्ट होता है।