ओबरा / सोनभद्र -नगर में हरतालिका तीज का व्रत विवाहित महिलाओं के लिए पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है। व्रती महिलाएं दिनभर अन्न-जल का त्याग करती है।उनका मानना है कि माता पार्वती की तरह कठिन तपस्या से इच्छित फल की प्राप्ति होती है।इसी क्रम में नगर के शारदा मन्दिर,शीतला मन्दिर,गीता मन्दिर,हनुमान मंदिर,राम मंदिर सहित समस्त मंदिरों पर हरियाली तीज का पर्व विधि-विधान से मनाया गया। इसी तिथि पर भगवान शंकर जी ने मां पार्वती की साधना से प्रसन्न होकर अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। कन्याओं ने शिव-पार्वती का पूजन करके मनोवांछित फल पाने की कामना के साथ पूजा-अर्चना कर अपने अनुष्ठान के संकल्प को पूरा किया।पूजन कर ही सूर्यकुमारी अग्रहरि ने बताया कि भारतीय लोक संस्कृति में ऐसे कई त्यौहार है जो परिवार और जीवन साथी की मंगलकामना के भाव से जुड़े हुए है।
वही करुणा अग्रहरि ने बताया कि हरियाली तीज जीवन मे प्रेम स्नेह की सुगंध और आपसी समन्वय के उत्साह का प्रतीक है।आज के दिन महिलाएं भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा अर्चना कर अखंड सुहाग का वरदान मिलने और अपनर पति की दीर्घायु एवं सुख समृद्धि की मनोकामना करती है।इस मौके पर राजकुमारी देवी,गीता देवी,बबली देवी,प्रतिमा देवी,रेखा देवी,साधना देवी,सुनीता देवी,आराधना देवी,नीलम देवी,पिंकी तिवारी सहित सैकड़ों महिलाएं रही।