वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे शहर में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। बीते 48 घंटों की स्थिरता के बाद यह पांचवीं बार है जब गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। इस जलवृद्धि ने घाटों के किनारे रहने वाले नाविकों, पुरोहितों और तटवर्ती इलाकों के निवासियों की चिंता बढ़ा दी है।
गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा
केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार, सोमवार सुबह गंगा का जलस्तर 66.43 मीटर दर्ज किया गया था, जो बुधवार तक 66.72 मीटर तक पहुंच गया। इस बढ़ते जलस्तर के कारण वाराणसी के लगभग सभी 84 घाट पानी में डूब चुके हैं, साथ ही घाटों के किनारे स्थित सैकड़ों छोटे-बड़े मंदिर भी गंगा की धारा में समा गए हैं।
जल पुलिस और NDRF अलर्ट पर
जलस्तर की इस बढ़ोतरी को देखते हुए प्रशासन ने पूरी सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। जल पुलिस और NDRF की टीमें पूरी तरह से तैनात हैं, जबकि जिला प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया है ताकि संभावित बाढ़ की स्थिति में राहत कार्य समय पर शुरू किया जा सके।
नाविकों की आजीविका पर संकट
गंगा के उफान के कारण वाराणसी में नाव का संचालन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है, जिससे घाटों पर रहने वाले नाविकों की रोजी-रोटी पर संकट गहरा गया है। दशाश्वमेघ घाट पर होने वाली प्रसिद्ध गंगा आरती भी अब छतों पर शिफ्ट कर दी गई है। श्रद्धालु घाटों के जलमग्न होने के कारण एक घाट से दूसरे घाट तक जाने में असमर्थ हैं, जिससे उन्हें खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
नाविक अज्जू ने बताया कि जलस्तर घटने की उम्मीद थी, लेकिन अब गंगा का जलस्तर फिर से बढ़ने लगा है, जिससे उनका व्यवसाय ठप पड़ गया है और आजीविका पर संकट छाया हुआ है।