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संस्कृत में कमेंट्री के साथ पारम्परिक भेष-भूसा में कबड्डी के खेल ने मनमोहक बनाया-

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-अनेन क्रीडकेन अपरः क्रीडकः गृहीतः …….. इस खिलाड़ी के द्वारा वह खिलाड़ी पकड़ लिया गया…

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प्रथम विजेता श्री स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ, वाराणसी की टीम को शील्ड और प्रमाणपत्र— प्रो हरिप्रसाद अधिकारी..

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“कबड्डी हमारे देश की पारंपरिक खेल है
आधुनिकता के इस दौर में शारीरिक स्वास्थ व मानसिक विकास ही सफलता है। खेल व्यक्तिगत और सामाजिक कौशल के विकास के लिए उत्प्रेरक का कार्य करती है। इसको ही ध्यान रखकर भारतीय खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए शिक्षा मंत्रालय के प्रकल्प भारतीय ज्ञान परम्परा केंद्र, सं. सं. वि. वि. द्वारा आईकेएस के मुख्य समन्वयक प्रो हरिप्रसाद अधिकारी के अध्यक्षता एवं कुलसचिव राकेश कुमार की विशिष्ट अतिथित्व में `स्नातक स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता ` का प्रात:7:00 बजे से भव्य आयोजन हुआ। जिसमें डॉ. ज्ञानेंद्र सापकोटा संयोजक एवं डॉ. विजय कुमार शर्मा सह संयोजक रहे। खेल संचालक डॉ देवात्मा दुबे, संयोजक तथा सह संयोजक के नेतृत्व में “स्नातक स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता” में शारीरिक रूप से स्वस्थ खिलाड़ियों की निम्न ६ टीमों ने सहभागिता की। प्रत्येक टीमों में ८-८ खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया।

  1. श्री स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ, वाराणसी
  2. श्री स्वामी नारायणानंद तीर्थ वेद विद्यालय, वाराणसी
  3. इंण्टरनेशनल चंद्रमौली चैरिटेबल ट्रस्ट, वाराणसी
  4. श्री विश्वेश्वरवेद भवनम्, वाराणसी
  5. सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी6. वेदविद्यानिधी, वाराणसी
    • श्री स्वामी नारायणानंद तीर्थ वेद विद्यालय, वाराणसी की टीम में सत्यम पाण्डेय, दुर्गादत्त शुक्ल, विनीत दूबे, रीषभ मिश्रा, आदित्य तिवारी, निखिल तिवारी, अंकित राज, सागर त्रिपाठी नें प्रतिभाग किया।
    • स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ की टीम में अनुराग पाण्डेय, अभय तिवारी, सक्षम दुबे, तेज प्रताप पाण्डेय, ओमप्रकाश दुबे, उद्देश्य पाण्डेय, रूद्र पाण्डेय, अमित मिश्रा नें प्रतिभाग किया।
    • सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी की टीम में सोनू तिवारी, दिनेश तिवारी, राज दूबे, अनिकेत मिश्रा, रषिकेश तिवारी नें प्रतिभाग किया।
    • इण्टरनेशनल चंद्रमौली चैरिटेबल ट्रस्ट, वाराणसी की टीम में सागर पाण्डेय, शोभित चौबे, हिमांशु मिश्रा, प्रियांशु तिवारी, शिवम तिवारी ने प्रतिभाग किया।
    • श्री विश्वेश्वरवेद भवनम्, वाराणसी की टीम में रोशन मिश्रा, क्रिश त्रिपाठी, अमर द्विवेदी, राघव मिश्रा,शिवांशु शर्मा, विशाल पाण्डेय, गोपाल शुक्ल नें प्रतिभाग किया।
    • वेदविद्यानिधी, वाराणसी की टीम में सचिन तिवारी, उदय नारायण तिवारी, राघवेन्द्र त्रिपाठी, शिवेन्द्र पाण्डेय, संस्कार पाण्डेय ने प्रतिभाग किया।
    खेल का प्रारंभ स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ तथा स्वामी स्वामी नारायणानंद तीर्थ वेद विद्यालय के मध्य हुआ। स्वामी नारायणानंद तीर्थ वेद विद्यालय की टीम ने टॉस जीता।
    प्रथम मैच के प्रथम क्रम में दोनों टीमों ने समान अंक प्राप्त किया, प्रथम क्रम के समापन के बाद दोनो टीमों ने पक्षों का आदान प्रदान किया तथा इसके साथ ही द्वितीय क्रम का प्रारंभ हुआ। द्वितीय क्रम में स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ तीन अंकों से विजयी हुई।
    दूसरा मैच विश्वेश्वर वेद भवनम् तथा सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के मध्य हुआ। विश्वेश्वर वेद भवनम् की टीम ने टॉस जीता। प्रथम क्रम में विश्वेश्वर वेद भवनम् की टीम ने जीत हासिल की। इस पारी के द्वितीय क्रम में भी विश्वेश्वर वेद भवनम् ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज की।
    तीसरा मैच इंटरनेशनल चंद्रमौली चैरिटेबल ट्रस्ट तथा वेद विद्यानिधि के मध्य हुआ। वेद विद्यानिधि की टीम ने टॉस जीतकर आक्रमणकारी को बुलाने का निर्णय किया। प्रथम क्रम में दोनों टीमों ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 14-14 समान अंक अर्जित किए तथा दूसरे क्रम के लिए पक्षों का परिवर्तन किया। दूसरे क्रम में वेद विद्यानिधि की टीम ने २४ अंक से जीत हासिल की। तीनों मैचों के समापन के बाद स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ, विश्वेश्वर वेद भवनम्, श्री स्वामी नारायणानंद तीर्थ वेद विद्यालय तथा सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की टीम सेमीफाइनल मे गई।
    फाईनल मैच स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ तथा विश्वेश्वर वेद भवनम् के मध्य हुआ। जिसमें वेदांती वेद विद्यापीठ सर्वाधिक 24 अंक प्राप्त करके प्रथम विजेता तथा विश्वेश्वर वेद भवनम् नें 19 अंक अर्जित करने के साथ ही द्वितीय विजेता रही।
    अत्यंत रोचकता और आनंद के साथ निर्णायक पारी का प्रर्दशन चला।
    प्रथम विजेता श्री स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ, वाराणसी की टीम रही।
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प्रथम विजेता श्री स्वामी वेदांती वेद विद्यापीठ, वाराणसी की टीम रही। द्वितीय विजेता विश्वेश्वर वेद भवनम् की टीम रही। तृतीय विजेता श्री नारायणानंद तीर्थ वेद विद्यालय की टीम रही तथा चतुर्थ विजेता संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की टीम रही।
संपूर्ण खेल में खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट अनुशासन तथा खेल भावना का परिचय दिया।
संस्कृत में कमेंट्री-‌
खेल उद्घोषक डॉ. आशीष मणि त्रिपाठी तथा श्री दवे अल्पेश पंकजभाई ने संपूर्ण खेल की कमेंट्री 1-अनेन क्रीडकेन अपरः क्रीडकः गृहीतः …….. इस खिलाड़ी के द्वारा वह खिलाड़ी पकड़ लिया गया
2-इयं कबड्डीक्रीडा प्रतियोगिता अतीव आनन्दप्रदा बलप्रदा बुद्धिप्रदा च विद्यते …….
यह कबड्डी प्रतियोगिता अत्यंत आनंद प्रदान करने वाली तथा बल प्रदान करने वाली बुद्धि प्रदान करने वाली है
3-पश्य पश्य महदाश्चर्यं महदाश्चर्यम् अयं क्रीडकः अतीव विलक्षणं क्रीडति
अरे देखो देखो यह खिलाड़ी कितना विलक्षण खेल रहा है। जो कि संस्कृत में की।

निर्णायक

खेल निर्णायक के रूप में डॉ. जयंतपति त्रिपाठी तथा डॉ. दुर्गेश पाठक उपस्थित रहें। प्रो. दिनेश गर्ग विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में तथा प्रो. हरिप्रसाद अधिकारी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहें।
कुलसचिव राकेश कुमार ने खेल मैदान में उपस्थित होकर कहा “कबड्डी हमारे देश की पारंपरिक खेल है, इसमें किसी भी प्रकार के खेल सामग्री की आवश्यकता नहीं होती है, केवल मैदान और शारिरिक रूप से स्वस्थ खिलाड़ियों की जरूरत है। यह पूर्ण रूप से शारीरिक खेल है इसको खेलने से शारीरिक रूप से बलिष्ठ बनते हैं। यह खेल हमेशा करते रहे जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के साथ साथ शहरों में भी जीवित रहे, भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र इसमें अग्रगणीय भूमिका निभा रहा है”।
पुरस्कार वितरण
तदनन्तर पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन हुआ। जिसमें अध्यक्षता मुख्य अतिथि आईकेएस के समन्वयक प्रो. हरिप्रसाद अधिकारी रहे। प्रथम विजेता टीम को शील्ड एवं प्रमाणपत्र कुलसचिव श्री राकेश कुमार के करकमलों से प्रदान किया गया। पश्चात द्वितीय एवं तृतीय टीम को भी प्रमाणपत्र एवं चतुर्थ टीम को सांत्वना पुरस्कार के रूप में प्रमाणपत्र प्रदान किया गया।
प्रमाणपत्र वितरित..
अन्य सभी प्रतिभागी टीम के खिलाडियों को भी समन्वयक आईकेएस के द्वारा प्रमाणपत्र दिया गया।
उक्त कार्यक्रम में अध्यापक,अनुसंधाता, कर्मचारीगण आदि उपस्थित रहें।

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