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जुलाई में 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दर पर लगाई हाजिरी

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श्रावण मास के पहले सोमवार को दर्शन करने पहुंचे सीएम योगी के निर्देश पर काशी में श्रद्धालुओं, पर्यटकों व आगंतुकों की सुविधा व सुरक्षा पर है विशेष नजर

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श्रावण मास के दोनों सोमवार को मिलाकर कुल 6.31 लाख से अधिक भक्तों ने नवाए शीश

श्रावण के पहले सोमवार को 3.21 लाख व दूसरे सोमवार को तीन लाख 9 हजार से अधिक भक्तों ने की पूजा

सीएम के निर्देश पर श्रावण मास में श्रद्धालुओं को लेकर मुस्तैद है जिला व पुलिस प्रशासन

लखनऊ, 31 जुलाईः श्री काशी विश्वनाथ धाम में जुलाई माह में कुल 50.12 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने हाजिरी लगाई। 22 जुलाई से श्रावण मास का आगाज हुआ था। इस बार श्रावण मास का पहला दिन भी सोमवार को ही पड़ा था। इस दिन 3.21 लाख से अधिक और दूसरे सोमवार को तीन लाख नौ हजार से अधिक भक्तों ने हर-हर महादेव के जयघोष संग बाबा के चरणों में शीश नवाया था। श्रावण मास के पहले सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बाबा का षोडशोपचार विधि से पूजन-अर्चन किया था। सीएम ने स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन व मंदिर के पदाधिकारियों को श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा को लेकर विशेष निर्देश दिया था।

30 दिन में 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किया दर्शन
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में पहली से 30 जुलाई के मध्य कुल 5012663 श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किए। सीएम योगी के निर्देश पर एक माह में इन श्रद्धालुओं के काशी आगमन के साथ मंदिर में दर्शन को लेकर सुविधा भी मुहैया कराई गई। साथ ही वाराणसी में सुरक्षा को लेकर भी स्थानीय जिला व पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहा। वहीं श्रावण माह के पहले सोमवारा को 3,21,884 तथा दूसरे सोमवार (29 जुलाई) को 309716 श्रद्धालुओं ने बाबा के धाम में अपनी हाजिरी लगाई।

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श्रावण मास के पहले सोमवार को सीएम योगी ने भी किया था दर्शन-पूजन
श्रावण मास के पहले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से आजमगढ़ पहुंचे, वहां समीक्षा बैठक के उपरांत सीएम वाराणसी पहुंचे। य़हां भी जनप्रतिनिधियों से मिलने के पश्चात समीक्षा बैठक की। बैठक में सीएम ने वाराणसी में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा, सुगम्य दर्शन को लेकर दिशा-निर्देश भी दिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद भी बाबा के चरणों में दर्शन-पूजन किया था। वहीं श्रावण मास में आगे पड़ने वाले सोमवार की तैयारियों को लेकर भी स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन व मंदिर के पदाधिकारी मुस्तैद हैं।

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