आज दिनांक 24-07-2024 को मध्याह्न 12.00 बजे काशी के स्थानीय दशनार्थियों के साथ मंदिर सभागार में प्रतिदिन दर्शन का आग्रह करने वाले स्थानीय निवासियों की व्यवस्था के सम्बन्ध में बैठक की गयी।
इसमें विभिन्न प्रकार के नेमी श्रद्धालुओं में से प्रातः काल दर्शन करने वाले नेमी लोगों की आवश्यकताओं पर विस्तृत चर्चा की गई।
प्रशासन द्वारा स्पष्ट किया गया कि नेमी लोगों के स्पर्श दर्शन कराने में कोई दिक़्क़त नहीं है क्योंकि सभी काशी वासियों और देश के अन्य श्रद्धालुओं के लिए स्पर्श दर्शन प्रातः कराये जा रहे हैं तो नेमी लोगों को भी अवश्य कराये जाएँगे।
इसमें प्रशासन द्वारा इन लोगों हेतु गेट 4B पर काशीवासियों के अतिरिक्त अलग विशेष लाइन से प्रवेश देने पर अधिकतर लोगों से सहमति बनी और बताया गया कि कल से यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।
ढूँढी राज गली से प्रवेश करने वाले लोगों को वहाँ से प्रवेश करने वाली सामान्य लाइन के फ्रंट में लगा कर प्रवेश दिया जाएगा।
दोनों ही लाइन में उनको काशी वासी होने का पहचान पत्र रखना अनिवार्य होगा जैसा अन्य काशीवासियों हेतु ज़रूरी है।
यह भी अवगत कराया गया कि यह व्यवस्था केवल उसी दशा में संचालित करते रहना संभव होगा जब प्रतिदिन दर्शन के आग्रही काशी के स्थानीय निवासी स्वअनुशासन का पालन करें तथा पंक्तिबद्ध हो कर ही एक एक कर लाइन से प्रवेश करें।
यह भी अवगत कराया गया कि कुछ नेमी दर्शनार्थियों द्वारा यह शिकायत भी प्राप्त हुई है कि कुछ नेमी दर्शनार्थी अन्य आपस के ही दर्शनार्थियों को दर्शन करने में व्यवधान उत्पन्न करते हैं। विशेषकर मंदिर गर्भगृह घेर कर खड़े हो जाने से महिला नेमियों को दर्शन में विशेष असुविधा होती है। नेमी दर्शनार्थियों के दर्शन के अन्य दिनों के अनेक सीसीटीवी फुटेज भी देखे गए। यह पाया गया कि नेमी दर्शनार्थी होने के कारण पुलिस भी सख़्ती नहीं करती और कई नेमी अत्यंत उग्र व्यवहार प्रदर्शित कर रेलिंग, लाइन एवं व्यवस्था के अनुशासन को भंग करते हैं। पुलिसकर्मी भी इन दर्शनार्थियों के उग्र व्यवहार एवं अनुशासन विहीन आचरण को नियंत्रित करने में मंदिर की मर्यादा के कारण बहुधा असमर्थ होते हैं। अतः बैठक में यह बताया गया कि ऐसे आचरण को दर्शनार्थियों को स्वयं नियंत्रित करना होगा जिससे कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो।
इस पर एक दो व्यक्तियों द्वारा संदर्भ से इतर कुछ पुलिस कर्मियों के संबंध में चिल्लाते हुए आरोप प्रत्यारोप लगाया जाने लगा। डीसीपी मंदिर सुरक्षा ने इस संदर्भ विहीन संवाद का प्रतिरोध किया और मुद्दे पर रहने का आग्रह किया। इसी बात को मुद्दा बना कर कतिपय व्यक्तियों ने बैठक में हंगामा प्रारंभ कर दिया। अधिकांश दर्शनार्थी वार्ता आगे करने की ओर अग्रसर थे परंतु उनमें से ही कुछ ने सबको खींच खींच कर और भड़का कर बाहर निकलना प्रारंभ कर दिया। अतः उपस्थित हुए दर्शनार्थियों में आपसी सहमति न बन पाने तथा गर्भगृह में संयमित आचरण सुनिश्चित करने के प्रति आश्वस्त न होने के परिणामस्वरूप वार्ता अनायास अवरुद्ध हो गई।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन एवं मंदिर सुरक्षा (पुलिस) द्वारा द्वार संख्या 4B और ढूँढी राज गली से विशेष सुविधा देते हुए काशी निवासियों की तरह स्थानीय पहचान पत्र दिखाते हुए प्रातः 4 से 5 बजे एवम सायं 4 से 5 भी प्रवेश कराया जायेगा।
यह भी अवगत कराया गया कि इन दोनों गेट पर वर्तमान व्यवस्था में कोई सुधार अपेक्षित होने पर पुनः व्यवस्था का पुनरीक्षण कर इसे और बेहतर बनाने का प्रयास किया जायेगा। परंतु प्रत्येक दशा में यह स्थानीय प्रतिदिन दर्शन के आग्रही दर्शनार्थियों को सुनिश्चित करना होगा कि किसी अन्य दर्शनार्थी से कोई दुर्व्यवहार न किया जाय, गर्भगृह पर अनावश्यक सामूहिक भीड़ का माहौल बना कर अन्य को दर्शन से वंचित करने का प्रयास न किया जाय।
यह भी विश्वास दिलाया गया कि आस्था के प्रश्न पर इसमें अन्य सुधार के लिए भी सकारात्मक वार्ता का प्रशासन सदैव स्वागत करता है। मंदिर प्रशासन सभी श्रद्धालुओं की आस्था एवं उनके समुचित दर्शन की सुरक्षित व्यवस्था हेतु प्रतिबद्ध है।
बैठक में दर्शनार्थीगण, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, पुलिस उपायुक्त, सुरक्षा एवं अभिसूचना, कमिश्नरेट, वाराणसी व अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।