सोनाली पटवा. हर वर्ष के भांति इस वर्ष भी आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा 21 जुलाई दिन रविवार को गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाएगा। गुरू पूर्णिमा के अवसर पर श्रीराम मारूति धाम वाराणसी के चितईपुर के उपासना नगर में स्थित श्रीराम मारूति धाम में भव्य भजन कीर्तन और भंडारे का आयोजन किया गया है। इस दौरान श्री श्री 1008श्री देरहवा बाबा के अनन्य सेवक श्री जगदीश जी महाराज के चरण बंदना के उपरांत भंडारे का प्रसाद ग्रहण कर पुण्य के भागी बने।
कार्यक्रम…
1 _ प्रातः काल हनुमानजी का श्रृंगार, हवन पूजन एवं गुरु पूजन सुंदरकांड भजन और महाआरती।
2 _ भव्य भंडारे का आयोजन दोपहर 12:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक ।
गुरु पूर्णिमा की शुरुआत कैसे हुई…
आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वेद व्यास का आज से करीब 3000 वर्ष पूर्व जन्म हुआ था. मान्यता है कि उनके जन्म पर ही गुरु पूर्णिमा जैसे महान पर्व मनाने की परंपरा को शुरू किया गया. गुरु पूर्णिमा महोत्सव पूरी तरह से महर्षि वेदव्यास को समर्पित है. हिंदी पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है.
गुरु पूर्णिमा पर गुरुओं की कैसे करें उपासना..
- इस दिन केवल गुरु की ही नहीं अपितु परिवार में जो भी बड़ा है अर्थात माता-पिता, भाई-बहन, आदि को भी गुरु समान समझना चाहिए।
- गुरु की कृपा से ही विद्यार्थी को विद्या आती है।
- गुरु से मन्त्र प्राप्त करने के लिए भी यह दिन श्रेष्ठ है।
- इस दिन गुरुजनों की सेवा करनी चाहिए. साथ ही भेंट ही देनी चाहिए।