वाराणसी में स्वस्थ होने के बाद भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा नगर भ्रमण के लिए डोली में सवार होकर अस्सी जगन्नाथ मंदिर से निकले। इस धार्मिक यात्रा के दौरान विग्रह पर पूरे मार्ग में पुष्पवर्षा की गई। भगवान जगन्नाथ पालकी पर सवार होकर मंदिर परिसर से होते हुए अस्सी चौराहा, पद्मश्री चौराहा, दुर्गाकुंड, नवाबगंज, खोजवां बाजार, शंकुलधारा पोखरा, बैजनत्था होते हुए रथयात्रा स्थित बेनीराम बाग पहुंचे।
इस यात्रा ने वाराणसी के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन में एक नई उमंग और उत्साह का संचार किया। रविवार तड़के से विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा मेले का शुभारंभ होगा। मेले में लाखों श्रद्धालु भाग लेंगे, जिससे वातावरण भक्ति और श्रद्धा से ओतप्रोत हो जाएगा। रथयात्रा के इस महोत्सव ने न केवल स्थानीय बल्कि दूर-दूर से आए भक्तों को भी सम्मोहित करते है।
इस अद्वितीय यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए और उनके दिव्य रूप का आनंद लिया। रथयात्रा के इस महापर्व ने वाराणसी की धार्मिक महत्ता को एक बार फिर से सिद्ध किया और भक्तों के लिए आस्था और भक्ति का एक महत्वपूर्ण माध्यम बना।