
अमरनाथ गुफा मंदिर में इस वर्ष तीर्थयात्रा शुरू होने के केवल सातवें दिन ही बाबा बर्फानी के अदृश्य हो जाने की घटना ने सभी को चौंका दिया है। ऐसा पहली बार हुआ है जब इतनी जल्दी बर्फ से बने शिवलिंग का अदृश्य होना देखा गया है। श्रद्धालु जो विशेष रूप से बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए यहाँ आते हैं, इस घटना से निराश हो गए हैं। अब, श्रद्धालुओं को केवल पवित्र गुफा के दर्शन ही करने होंगे।
अधिकारियों के अनुसार, रिकॉर्ड गर्मी इस अदृश्यता का मुख्य कारण है। पिछले साल, बाबा बर्फानी 14 दिन में अदृश्य हुए थे, जबकि 2016 में यह समय 13 दिन का था। इस बार, यात्रा 29 जून को शुरू हुई और यह 52 दिनों तक चलेगी, जो 19 अगस्त को समाप्त होगी।
श्रद्धालुओं की संख्या में भी इस साल वृद्धि देखी गई है। शुक्रवार को 20 हजार तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए, जिससे इस वर्ष कुल संख्या 1.50 लाख तक पहुँच गई है, जो अब तक का रिकॉर्ड है। बाबा बर्फानी के जल्द अदृश्य होने के बावजूद, तीर्थयात्रियों का उत्साह बना हुआ है और वे पवित्र गुफा के दर्शन के लिए आ रहे हैं।
यह तीर्थयात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारत के विविधता और सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है। हालांकि, बाबा बर्फानी के जल्द अदृश्य होने से श्रद्धालुओं में कुछ निराशा हो सकती है, परंतु उनकी आस्था और विश्वास उन्हें इस कठिनाई के बावजूद यहां खींच लाती है। इस घटना ने एक बार फिर से पर्यावरणीय परिवर्तन और उनके धार्मिक स्थलों पर पड़ने वाले प्रभावों की ओर ध्यान आकर्षित किया है।