वाराणसी: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) गंगापुर में स्किन ग्राफ्टिंग के माध्यम से एक महत्वपूर्ण चिकित्सा पहल करते हुए 75 वर्षीय निहालापुर निवासी दयाराम को जीवनदान दिया गया। दयाराम, जो मांस खाने वाले बैक्टीरिया की गंभीर बीमारी से पीड़ित थे, का इलाज राज्य कर्मचारी बीमा निगम अस्पताल, पांडेयपुर में चल रहा था। इलाज के दौरान उनके बाएं पैर की लगभग 20 फीसदी त्वचा सड़ चुकी थी, और उन्हें आगे के इलाज के लिए नई दिल्ली रेफर किया गया था। कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण दयाराम दिल्ली जाकर इलाज कराने में असमर्थ थे।
सीएचसी गंगापुर में सर्जन डॉ. श्रीकांत पटेल के नेतृत्व में स्प्लिट स्किन ग्राफ्टिंग विधि का इस्तेमाल कर उनके पैर की सफलतापूर्वक सर्जरी की गई। इस प्रक्रिया में दयाराम के शरीर के स्वस्थ हिस्सों से त्वचा निकालकर क्षतिग्रस्त हिस्से में लगाई गई। सर्जरी को सफलतापूर्वक संपन्न कर दयाराम को राहत मिली।
डॉ. पटेल ने बताया कि स्किन ग्राफ्टिंग में शरीर के किसी अन्य हिस्से से स्वस्थ त्वचा निकालकर क्षतिग्रस्त हिस्से में लगाई जाती है। स्वस्थ त्वचा को निकाले जाने वाले हिस्से को “डोनर साइट” कहा जाता है, जबकि जहां यह त्वचा लगाई जाती है, उसे “रिसिपिएंट साइट” कहा जाता है। इस प्रकार निकाले गए त्वचा के टुकड़े को “ग्राफ्ट” कहा जाता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने सीएचसी गंगापुर में इस तरह की उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा प्रदान किए जाने पर खुशी जताई और पूरी मेडिकल टीम को बधाई दी। उन्होंने जनपद के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बेहतर चिकित्सीय सेवा के लिए निरंतर प्रयास जारी रखने की बात कही।