गणेश भगवान, जिन्हें विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता के नाम से भी जाना जाता है, हर शुभ कार्य से पहले पूजे जाते हैं। उनके 108 नामों का महत्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक भी है। हर नाम उनके किसी विशेष गुण, शक्ति या स्वरूप का प्रतिनिधित्व करता है। यह नाम सिर्फ मंत्र नहीं, बल्कि भक्तों की श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक हैं। आइए, गणपति बप्पा के 108 नामों के पीछे छिपे अर्थ और उनकी महिमा को जानें।
गणेश।
विनायक।
गजानन।
गणपति।
एकदंत।
वक्रतुंड।
लंबोदर।
सिद्धिविनायक।
धूम्रवर्ण।
शिवपुत्र।
चतुर्भुज।
बाप्पा।
महाकाय।
विघ्नहर्ता।
शुभलाभ।
एकवक्त्र।
उमापुत्र।
अविघ्नेश्वर।
चंद्रकांत।
मोदकप्रिय।
भालचंद्र।
रिद्धिविनायक।
विरंचि।
आदित्यकांत।
महादेवपुत्र।
ब्रह्मपुत्र।
कुमार।
नटराज।
महालंबोदर।
लम्बोदराय।
वरदायक।
देवेश।
आद्य।
वशीकर्ण।
त्रिपुरारी।
चक्रपाणि।
श्रीपती। .
ज्ञानमूर्ति।
मोक्षद।
अन्नपूर्णेश्वर।
सिद्धेश्वर।
गणराज।
सुरपति।
चैतन्य।
महेश्वर।
ब्रह्मविद्या।
श्री गणेश।
विघ्नराज।
जया।
विजय।
एकमूर्ति।
त्रिलोकीनाथ।
सिद्धपुत्र।
गौरीपुत्र।
पंढरपूर।
जपाक्षी।
स्वरूप।
रिद्दी।
सिद्धि।
नंदन।
कश्यप पुत्र।
हेरम्ब।
चंद्रस्मित।
समुद्र मंथन।
शंकरपुत्र।
कल्याण देव।
शरणागतवत्सल।
मित्र।
पर्वतारोहण।
प्रसन्नचित्त।
देववन्दित।
स्तुत्य।
त्रिविक्रम।
भगवंत।
ऋद्धिपालक।
आनंद विघ्न।
प्रभू।
हेरंब विनायक।
पतितपावन।
सौम्य।
महोत्सव।
लवण्य।
परमेश्वर।
उदीरण।
स्वरूपज्ञान।
महापुरुष।
पार्वतीपुत्र।
अद्वितीय।
कालचक्र।
सुखदाता।
भगवतीप्रेम।
देवों के देव.
तत्त्वज्ञान।
सर्वज्ञ।
धर्मधारक।
सहस्त्राक्ष।
त्रैलोक्यनाथ।
पुण्यपुत्र।
यज्ञकर्म।
निधिपालक।
उरिव्रजन।
अश्विनी देव।
शम्भु।
अडिग।
परब्रह्म।
प्रणव स्वरूप।
मोक्षप्रदाता।
आत्मप्रकाश।
गणेश भगवान के 108 नाम न केवल उनके दिव्य स्वरूप का वर्णन करते हैं, बल्कि यह हमें यह सिखाते हैं कि जीवन में हर समस्या का समाधान भगवान की भक्ति और श्रद्धा में छिपा है। इन नामों का जप मन को शांति और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। तो, जब भी आप किसी परेशानी में हों या जीवन को नई दिशा देनी हो, इन 108 नामों का स्मरण करें और गणपति बप्पा की कृपा पाएं। गणपति बप्पा मोरया!