शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है। वे हमारे कर्मों के अनुसार फल देते हैं। यदि किसी की कुंडली में शनि दोष हो या शनि की साढ़े साती और ढैया का प्रभाव हो, तो शनि देव के 10 नामों का स्मरण अत्यंत लाभकारी होता है। यह नाम न केवल मानसिक शांति देते हैं, बल्कि जीवन की कठिनाइयों को भी दूर करते हैं। इस लेख में हम आपको शनि देव के 10 पावन नामों के साथ-साथ उनके जप की विधि और लाभ के बारे में बताएंगे।
शनि देव के 10 नाम
कोणस्थ
पिंगल
बभ्रु
कृष्ण
रौद्रान्तक
यम
सौरि
शनैश्चर
मंद
पिप्पलाश्रय
शनि देव के 10 नामों का श्रद्धा से जाप करने पर जीवन में स्थायित्व, न्याय, और समृद्धि आती है। यदि शनि की कृपा मिल जाए, तो कठिन से कठिन समय भी सरल हो जाता है। इसलिए प्रत्येक शनिवार को इन नामों का जप अवश्य करें और अपने जीवन को शांत और सुखद बनाएं।
विधि
- प्रातः काल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- शांत स्थान पर कुश या काले वस्त्र के आसन पर बैठें।
- सामने शनि देव की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- सरसों का तेल और काले तिल अर्पण करें।
- दीपक जलाएं (सरसों के तेल का)।
- ऊँ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का 108 बार जप करें।
- तत्पश्चात श्रद्धा से शनि देव के 10 नामों का उच्चारण करें।
- अंत में शनि आरती करें और क्षमा प्रार्थना करें।
लाभ
- शनि साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत मिलती है।
- कष्ट, भय और दुर्भाग्य दूर होता है।
- न्याय और जीवन में संतुलन की प्राप्ति होती है।
- रोजगार व धन संबंधी अड़चनें दूर होती हैं।
- मन में स्थिरता और सकारात्मक सोच विकसित होती है।