दीवाली के बाद उत्तर प्रदेश के कई शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति तक पहुँच गया है। पटाखों और बढ़ते वाहनों की वजह से हवा में घुले धुएं ने कई शहरों की हवा को अत्यधिक प्रदूषित कर दिया है। संभल, मुरादाबाद, रामपुर और अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बेहद खराब हो चुका है, जिससे नागरिकों की सेहत पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
AQI के अनुसार, उत्तर प्रदेश के संभल की हवा सबसे अधिक प्रदूषित पाई गई है, जहां AQI स्तर 423 दर्ज किया गया है। इसके बाद मुरादाबाद का AQI 414 है, जो इसे दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बनाता है। तीसरे स्थान पर रामपुर है, जिसका AQI 407 पर है। इसी क्रम में, चौथे स्थान पर सहारनपुर (AQI 387), पाँचवे पर बदायूं (AQI 383), छठे स्थान पर पीलीभीत (AQI 383), और सातवें स्थान पर शाहजहांपुर का AQI 383 पर दर्ज किया गया है। बरेली का AQI 383 है, जो इसे आठवां सबसे प्रदूषित शहर बनाता है। इसके बाद नौवें स्थान पर अंबाला है, जहाँ AQI 379 है, और मेरठ दसवें स्थान पर है, जिसका AQI 374 दर्ज किया गया है।
इस बढ़ते प्रदूषण ने लोगों को कई स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित कर दिया है, जैसे कि सांस की तकलीफ, एलर्जी और आँखों में जलन। इससे निपटने के लिए सरकार और नागरिकों को मिलकर प्रयास करना आवश्यक हो गया है ताकि वायु प्रदूषण पर काबू पाया जा सके और स्वस्थ वातावरण की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकें।