
वाराणसी। वाराणसी पहुंचे अखिलेश यादव से सनातन धर्म और राम के मुद्दे पर चुनाव लड़ने को सवाल पूछा गया। जिस पर उन्होंने कहा कि ये हमें और आपको गुमराह करने के लिए बीजेपी का एजेंडा है। ये लोग खुद सनातनी नहीं हैं। नॉनवेज खाने वाले कभी सनातनी नहीं हो सकते। क्या बीजेपी के लोग नॉनवेज नहीं खाते?
अखिलेश यादव ज्ञानवापी के मामले पर सवाल पूछने पर जवाब देने से बचते रहे। उन्होंने पत्रकारों को वेज और नॉनवेज पर ही मोड़ना चाहा। अखिलेश ने कहा कि असली सनातनी को दूध भी नहीं पीना चाहिए। दूध में भी अच्छे बैक्टीरिया हैं, जिनकी जान नहीं लेनी चाहिए। जैन धर्म में लोग मुंह बंद रखते हैं कि मुंह में कीटाणु न चले जाएं और मर न जाएं। बीजेपी केवल हमें और आपको गुमराह करना चाह रही है।
अखिलेश यादव ने बेरोजगारी और नमामि गंगे के बजट पर सरकार को घेरने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि एक मीटर नाला साफ़ करने के लिए सरकार ने करोड़ों खर्च कर दिए। दस वर्षों में गंगा में और नाला सफाई में वाराणसी में प्रति मीटर करोड़ों रुपए खर्च हुए हैं। इसमें बड़ा घोटाला हुआ है। सरकार ने गंगा समेत यमुना और सहायक नदियों को बर्बाद कर दिया। ये वही लोग हैं, जो मां गंगा का पानी लेकर कसम खाते हैं। हमें उम्मीद है कि 2024 में जनता इनके सब पाप धो देगी।
चार राज्यों के चुनाव रिजल्ट पर अखिलेश ने कहा कि हम स्वीकार करते हैं। लोकतंत्र में जनता हमें जैसा वोट देती है, हम उसे स्वीकार करते हैं। हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में कोई गठबंधन बनेगा और कोई रास्ता बनेगा। बेरोजगारी और महंगाई अभी भी है। अभी लोग महसूस करते हैं कि आय दुगुनी नहीं हुई। जनता महँगी बिजली, खाद का अभाव, बेरोजगारी से जनता जूझ रही है।
अखिलेश यादव ने कांग्रेस को लेकर कहा कि इन चुनावों के बाद थोड़ा बहुत तापमान सबका कम हुआ होगा। क्योंकि लोकतंत्र बचाना, संविधान बचाना, देश बचाना एक बड़ा सवाल है। लोकसभा चुनाव में कोई भी पार्टी समाजवादी पार्टी से गठबंधन करती है, तो वह आएं साथ रहें और बीजेपी को मिलकर हराएंगे। ओमप्रकाश राजभर के बयानों पर अखिलेश यादव कुछ भी कहने से बचते रहे।
ज्ञानवापी के वजूखाने पर दिए बयान पर अखिलेश ने कहा कि मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा। मुझे पेड़ मिल जाए, तो मैं उसकी पूजा करूंगा। पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर और लाल कपड़ा रख दिया जाय, तो लोग पूजा करने लगते हैं। यही सनातन धर्म है। हम हवा, धरती, पेड़ और पानी भी पूजते हैं। हम सभी तत्वों की पूजा करते हैं। इसका जवाब कोर्ट में हम देंगे। लेकिन जो हमने परिभाषा पढ़ी है, वह यही पढ़ी है कि हर एक चीज़ की पूजा करो।

