लोकसभा चुनाव में किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करने के अपने फैसले को अटल बताने वाली बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने रविवार को लचीला रुख अपनाया है। लखनऊ में देश भर के पदाधिकारियों की बैठक में उन्होंने कहा कि यदि हमको गठबंधन करना होगा तो ऐसी पार्टी से करेंगे जिसका वोट बसपा को भी ट्रांसफर हो जाए। उनके इस बयान के सियासी मायने तलाशे जाने लगे हैं कि बसपा अंदरखाने किस दल के साथ लोकसभा चुनाव में गठबंधन की संभावनाएं तलाश रही हैं।
उन्होंने पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि चुनावी गठबंधन से बसपा को नुकसान होता है क्योंकि हमारा वोट दूसरी पार्टी को ट्रांसफर हो जाता है। दूसरी पार्टियां अपना वोट बसपा को ट्रांसफर नहीं करा पाती हैं। गठबंधन में सकारात्मकता कम व नकारात्मकता ज्यादा है, ऐसा लोगों का मानना है। यूपी में तो इसका तजुर्बा बहुजन मूवमेंट के हित में कड़वा और खराब रहा है। पार्टी का प्रयास बहुजन समाज के विभिन्न अंगों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनकी राजनीतिक शक्ति डॉ. आंबेडकर की सोच के मुताबिक विकसित करने की है।